S Jaishankar: अमेरिकी चुनावों पर विदेश मंत्री S Jaishankar का बयान, कहा - 'अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर चाहे कोई भी हो,.....'

S Jaishankar: अमेरिकी चुनावों पर विदेश मंत्री S Jaishankar का बयान, कहा - 'अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर चाहे कोई भी हो,.....'
Last Updated: 15 अगस्त 2024

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अपने चरम पर पहुंच चुके हैं। इस संदर्भ में भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि चाहे अमेरिका में कोई भी राष्ट्रपति बने, भारत उनके साथ सहयोग करने के लिए सक्षम होगा।

S Jaishankar On US Elections: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। ऐसे में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (13 अगस्त) को अपने बयानों में स्पष्ट किया कि भारत, अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर चाहे कोई भी हो, उसके साथ काम करने के लिए तैयार है। नई दिल्ली में इंडियास्पोरा की प्रभाव रिपोर्ट के विमोचन के अवसर पर, जयशंकर ने आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "अमेरिकी प्रणाली अपना निर्णय देगी और हमें पूर्ण विश्वास है कि कोई भी सरकार बनने पर, वह भारत के साथ सहयोग करने में सक्षम होगी।"

एस. जयशंकर ने अमेरिका के चुनावों पर दी प्रतिक्रिया

मिली जानकारी के अनुसार एस. जयशंकर ने अपने बयान में कहा, "सामान्यतः हम दूसरे देशों के चुनावों पर टिप्पणी नहीं करते क्योंकि, हम यह भी अपेक्षा करते हैं कि दूसरे लोग हमारे चुनावों पर टिप्पणी न करें। उन्होंने कहा कि - लेक न इस मामले में अमेरिकी प्रणाली अपना निर्णय स्वयं लेगी। मैं यह केवल औपचारिकता के तौर पर नहीं कह रहा हूं, लेकिन पिछले 20 वर्षों से देखा जाए तो, शायद हमारे लिए थोड़ा अधिक हो तो भी हमें पूरा भरोसा है कि हम संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ, चाहे वह कोई भी हो, सहयोग करने में सक्षम होंगे।"

यूक्रेन और इज़राइल के संघर्षों पर विचार साझा: जयशंकर

जब उनसे पूछा गया कि वे वर्तमान वैश्विक स्थिति को किस प्रकार देखते हैं, तो एस जयशंकर ने कहा कि - विश्व एक अत्यंत कठिन समय का सामना कर रहा है। ऐसे में उन्होंने यूक्रेन और इज़राइल में चल रहे संघर्षों पर भी अपने विचार साझा करते हुए कहा, "मैं एक आशावादी व्यक्ति हूं और आमतौर पर समस्याओं के समाधान के बारे में विचार करता हूं, न कि उन समस्याओं के बारे में जो समाधान से उत्पन्न होती हैं, लेकिन मैं बहुत गंभीरता से कहना चाहता हु कि हम एक असाधारण कठिन दौर से गुजर रहे हैं।"

'आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है दुनिया'

उन्होंने बताया कि अगले पांच वर्षों के लिए स्थिति काफी निराशाजनक प्रतीत होती है। जिनमें "मध्य पूर्व में चल रही घटनाएँ, यूक्रेन में हो रही गतिविधियाँ, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वी एशिया में हो रही परिस्थितियाँ, सभी कोविड के निरंतर प्रभाव को दर्शाती हैं। जो लोग इससे बाहर आ चुके हैं, वे इसे हल्के में ले रहे हैं, लेकिन कई लोग अभी भी इससे बाहर निकल नहीं पाए हैं।"

जयशंकर ने यह भी कहा कि दुनिया आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें व्यापार में मुश्किलें, विदेशी मुद्रा की कमी और विभिन्न अन्य व्यवधानों से जूझने वाले देशों की संख्या में वृद्धि हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु संबंधित घटनाएँ भी वैश्विक अस्थिरता में योगदान दे रही हैं, जिसके गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं।

 

 

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