कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की संभल जाने की कोशिशें पूरी तरह नाकाम हो गईं। पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर उनका काफिला रोक दिया, जिसके बाद दोनों को दिल्ली लौटना पड़ा।
Sambhal Violence: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की संभल जाने की कोशिशें पूरी तरह नाकाम हो गईं। पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर उनका काफिला रोक दिया, जिसके बाद दोनों को दिल्ली लौटना पड़ा।
जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों हिंसा प्रभावित संभल में जाकर बवाल में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने की अनुमति नहीं दी। इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस पार्टी और विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रशासन और राज्य सरकार की आलोचना की है, यह आरोप लगाते हुए कि विपक्षी नेताओं को उनके संवैधानिक अधिकार से वंचित किया गया है।
संभल जाने पर प्रशासन ने लगाया प्रतिबंध
संभल जिले में हाल ही में हुए बवाल में चार लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद प्रशासन ने इलाके में बाहरी लोगों के प्रवेश पर 10 दिसंबर तक प्रतिबंध लगा दिया था। प्रशासन की ओर से यह कदम सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने और शांति स्थापित करने के उद्देश्य से उठाया गया था। हालांकि, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इस प्रतिबंध के बावजूद संभल जाने की कोशिश की, ताकि वे हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों से मिल सकें और उनकी समस्याओं को जान सकें। लेकिन पुलिस ने उन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर ही रोक दिया, जिससे उनके प्रयास पूरी तरह विफल हो गए।
राहुल गांधी का आरोप
राहुल गांधी ने पुलिस की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, "विपक्ष के नेता के तौर पर मुझे संभल जाने का अधिकार है, लेकिन पुलिस ने मुझे जाने नहीं दिया। यह संविधान का उल्लंघन है और मेरा संवैधानिक अधिकार मुझसे छिन लिया गया है।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने पुलिस से कहा था कि वह अकेले जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन फिर भी उन्हें अनुमति नहीं दी गई। राहुल गांधी ने यह आरोप लगाया कि यह 'नया भारत' संविधान को नष्ट करने वाला भारत बन गया है और वे इस अन्याय के खिलाफ लड़ते रहेंगे।
प्रियंका गांधी का बयान
प्रियंका गांधी ने भी राहुल गांधी की कोशिशों को रुकवाए जाने की आलोचना की। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं, उनका संवैधानिक अधिकार है कि उन्हें पीड़ित परिवारों से मिलना चाहिए। उन्हें (संभल) जाने की अनुमति दी जानी चाहिए थी।" प्रियंका ने बताया कि राहुल गांधी ने यह भी कहा कि वह यूपी पुलिस के साथ अकेले जाएंगे, लेकिन उन्हें इस पर भी अनुमति नहीं दी गई। प्रियंका ने यूपी पुलिस के रवैये पर सवाल उठाया और कहा कि पुलिस के पास इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं था।
अखिलेश यादव ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर भाजपा और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "प्रशासन ने भाजपा के इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया। वे नहीं चाहते कि कोई विपक्षी नेता घटना स्थल पर पहुंचे और स्थिति की सही जानकारी प्राप्त करे।" उन्होंने आगे कहा, "प्रशासन की भाषा और व्यवहार लोकतंत्र के खिलाफ हैं। वे छिपाना चाहते हैं कि क्या हुआ और क्यों हुआ।" अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि प्रशासन जितना समय लेगा, भाजपा के लिए उतना ही फायदेमंद होगा क्योंकि वे सच को छुपाना चाहते हैं।
सपा और कांग्रेस ने की प्रशासन के रवैये की आलोचना
समाजवादी पार्टी के सांसद डिंपल यादव ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे इस घटना को दबाने की कोशिश कर रहे हैं और इसलिए स्थिति अभी तक सामान्य नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा, "अगर कोई प्रतिनिधिमंडल वहां जाकर लोगों से मिलता, तो सच्चाई सामने आ जाती।" कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने भी प्रशासन पर सवाल उठाए और कहा, "कांग्रेस के नेता विपक्ष के अधिकार के तहत यह देखना चाहते हैं कि क्या हो रहा है, लेकिन सरकार उन्हें रोक रही है। यह तानाशाही है और सरकार को जवाब देना चाहिए।"
संभल में हुई हिंसा और पुलिस की सख्ती
संभल जिले में 10 दिन पहले जामा मस्जिद के पास हुए बवाल में चार लोग मारे गए थे। इस हिंसा के बाद पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले की सीमाओं को सील कर दिया और बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। पुलिस ने वाहनों की चेकिंग बढ़ा दी है और संदिग्ध लोगों की जांच की जा रही है। इस कदम से अफवाहों को फैलने से रोकने की कोशिश की गई। वहीं, पुलिस प्रशासन ने किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं को वहां पहुंचने से रोकने की कोशिश की और यह भी कहा कि 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों को संभल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
वाहनों और संदिग्धों की जांच जारी
संभल में स्थिति को काबू में रखने के लिए पुलिस ने वाहनों की चेकिंग और संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी तेज कर दी है। इसके अलावा कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के कई नेताओं ने अपनी यात्रा की घोषणा की थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें संभल में जाने से पहले ही रोक दिया। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने बताया कि प्रशासन की चौकसी को बढ़ा दिया गया है, ताकि सुरक्षा और शांति व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
20 पाबंदी के बाद भी पहुंचे कांग्रेस नेता
पुलिस प्रशासन की पाबंदी के बावजूद कांग्रेस नेता मंगलवार को संभल पहुंच गए थे और मृतकों के परिजनों से मिलकर उनका हाल जाना। कांग्रेस नेताओं के वहां पहुंचने पर पुलिस और खुफिया विभाग को कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी। कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया और कहा कि इस तरह की पाबंदियों से लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है।