Sambhal Violence: महबूबा मुफ्ती ने संभल हिंसा पर दिया बड़ा बयान, कहा- 'भारत और बांग्लादेश में फर्क नहीं'

Sambhal Violence: महबूबा मुफ्ती ने संभल हिंसा पर दिया बड़ा बयान, कहा- 'भारत और बांग्लादेश में फर्क नहीं'
Last Updated: 2 दिन पहले

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि देश में वर्तमान हालात में लोगों के बीच नफरत फैलाई जा रही है। उन्हें डर है कि यह स्थिति 1947 जैसी हो सकती है, जब देश में बंटवारे के दौरान हिंसा हुई थी।

PDP Chief On Sambhal Violence: पीडीपी प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 1 दिसंबर 2024 को देश के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि देश में हालात बहुत खराब हो चुके हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि जब युवाओं ने नौकरी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की मांग की, तो उन्हें वह सब नहीं मिल रहा, जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब सरकार युवाओं को रोजगार और अच्छा भविष्य नहीं दे पा रही है, तो वे मस्जिदों और मंदिरों में जवाब तलाशने लगते हैं। यह देश की वास्तविक समस्याओं से लोगों का ध्यान भटकाने का एक तरीका बन गया है। महबूबा ने यह भी कहा कि सरकार युवाओं को बेहतर शिक्षा भी नहीं दे पा रही है, और न ही केंद्र सरकार ने देश की गलियों और सड़कों का सुधार किया है, जो अब जर्जर हो चुकी हैं।

1947 जैसी स्थिति का डर

महबूबा मुफ्ती ने अपने बयान में कहा कि आज देश में जिस तरह से समाज में नफरत फैलाने की कोशिशें हो रही हैं, उससे वह भयभीत हैं कि यह हमें 1947 के हालात की ओर ले जा सकता है। उस समय देश में बंटवारे के बाद जो हिंसा और संघर्ष हुआ था, वही स्थिति फिर से पैदा हो सकती है। उन्होंने संभल हिंसा को लेकर भी गहरी चिंता जताई और कहा कि यह एक बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। 

महबूबा ने यह भी कहा कि जो लोग इन घटनाओं पर अपनी राय व्यक्त करेंगे, उन्हें भी कड़ी सजा दी जाएगी, जैसे उमर खालिद को चार साल से जेल में रखा गया है। इस प्रकार की सजा और बिना सुनवाई के न्याय की स्थिति देश में चिंताजनक है।

भारत और बांग्लादेश में अंतर नहीं

महबूबा मुफ्ती ने बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां की स्थिति भी भारत से अलग नहीं है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर अत्याचार हो रहे हैं, और भारत में भी अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हम मस्जिदों और मंदिरों के बीच भेदभाव करते रहेंगे, तो देश में कोई फर्क नहीं रहेगा। इस प्रकार की सोच समाज को और अधिक विभाजित करती है और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देती है। 

ईवीएम पर उठाए गए सवाल

महबूबा मुफ्ती ने चुनाव प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि आजकल चुनावों में वोटिंग प्रतिशत और गिनती के परिणामों में बड़ा अंतर होता है। इसके कारण चुनाव परिणामों पर संदेह पैदा होता है, और यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर असर डालता है। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में कहीं ना कहीं गड़बड़ है, जो जनता को सही निर्णय लेने में बाधित करती है। उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया जाता, और विपक्षी दलों को कभी भी पूरी तरह से जीतने का अवसर नहीं दिया जाता। 

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