तेजस्वी यादव की नई रणनीति: उपचुनाव में हार के बाद NDA से की अलग मांग, सदन में नए बिल पर सियासत हुई गरम

तेजस्वी यादव की नई रणनीति: उपचुनाव में हार के बाद NDA से की अलग मांग, सदन में नए बिल पर सियासत हुई गरम
Last Updated: 26 नवंबर 2024

बिहार में चार उपचुनावों में हार के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार से एक नया और विवादास्पद मांग की है। तेजस्वी यादव ने कहा कि राज्य की बहुजन समाज की आबादी 85 प्रतिशत से अधिक है, इसलिए सरकार को उन्हें कम से कम 85 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करना चाहिए। उन्होंने सरकार से यह भी आग्रह किया कि या तो इस मुद्दे पर एक नई कमेटी बनाई जाए या फिर 85 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए एक नया बिल लाया जाए। यादव की यह मांग राज्य की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे सकती है, खासकर उस समय जब उपचुनावों में उनकी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा।

पटना: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार से बड़ी मांग की। उन्होंने कहा कि बिहार में बहुजन समाज की आबादी 85 प्रतिशत से ज्यादा है, और इसलिए सरकार को उन्हें 85 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा देने के लिए नया विधेयक लाना चाहिए।

तेजस्वी यादव यह बयान मंगलवार को सदन के बाहर विपक्ष द्वारा किए गए जोरदार प्रदर्शन के बाद मीडिया से बात करते हुए दिया। इससे पहले, विपक्षी नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने, उद्योगपति गौतम अदाणी की गिरफ्तारी, जीविका दीदियों और समूहों के ऋण माफी और संविधान की मूल भावना को कमजोर करने के खिलाफ आवाज उठाई गई। इस प्रदर्शन में तेजस्वी यादव भी शामिल हुए और सरकार से इन मुद्दों पर सख्त कदम उठाने की मांग की।

तेजस्वी यादव का आरोप, बिना संशोधन के ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के प्रदर्शन के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी, तब जाति आधारित गणना के आधार पर आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया गया था, जिसमें 10 प्रतिशत आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए भी शामिल किया गया था।

तेजस्वी ने आगे कहा कि हमारी सरकार ने आरक्षण के संशोधन को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन भाजपा ने जानबूझकर इसे लागू नहीं होने दिया। इसके बाद अदालत ने इस पर रोक लगा दी। तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर कहा कि अदालत ने साफ तौर पर कहा था कि बिना कोई अध्ययन किए आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया था।

नेता प्रतिपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने बिना किसी संशोधन के ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया था, लेकिन उस समय इस पर कोई सवाल नहीं उठाए गए थे।

तेजस्वी यादव की मांग, 85 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए लाया जाए नया बिल

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार से एक बड़ा कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज की आबादी अब 85 प्रतिशत से अधिक हो गई है, ऐसे में उन्हें आरक्षण का पूरा लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए उन्होंने सरकार से मांग की कि या तो एक समिति बनाई जाए, या फिर 85 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए नया विधेयक लाया जाए। तेजस्वी यादव ने कहा, जिसे क्रेडिट लेना हो, वह ले ले, लेकिन बहुजन समाज को उसका अधिकार मिलना चाहिए। यह हमारी मुख्य चिंता है।

गौरतलब है कि जाति आधारित गणना के बाद राज्य सरकार ने आरक्षण के दायरे को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया था। हालांकि, इस विधेयक पर कोर्ट ने रोक लगा दी है।

इससे पहले, विपक्षी दलों ने विधानसभा परिसर में पोस्टर और प्लेकार्ड के साथ प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने संविधान की मूल भावना को कमजोर करने, जीविका दीदियों और समूहों के ऋण माफ करने और उद्योगपति गौतम अदाणी की गिरफ्तारी की मांग की। महागठबंधन के नेताओं ने राज्य सरकार की नौकरियों में आउटसोर्सिंग से जुड़े कर्मचारियों को भी 65 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की।

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