कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 8 से 9 अगस्त की रात एक महिला डॉक्टर के साथ हुई भयानक घटना के खिलाफ पश्चिम बंगाल में ममता सरकार पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इस गंभीर मामले को लेकर अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी आलोचनाओं का सामना कर रही हैं।
West Bengal: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 8 से 9 अगस्त की रात महिला डॉक्टर के साथ हुई वीभत्स घटना के खिलाफ पश्चिम बंगाल में ममता सरकार पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इस घटना को लेकर अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी सवालों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, "महिलाओं की सुरक्षा, अब बहुत हुआ।" राष्ट्रपति ने यह भी व्यक्त किया कि जब उन्होंने इस मामले के बारे में सुना तो वह बहुत ही निराश और भयभीत थीं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कोई भी सभ्य समाज अपनी बेटियों और बहनों पर अत्याचार को स्वीकार नहीं कर सकता और देश की जनता का गुस्सा पूरी तरह से सही है।
छात्र संगठनों ने किया प्रदर्शन
मंगलवार को छात्र संगठनों ने नबन्ना, यानी बंगाल सरकार के सचिवालय, तक प्रदर्शन करने की कोशिश की, जिसके दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। बीजेपी ने बंगाल में बारह घंटे का बंद आह्वान किया। हुगली के हिंदमोटर रेलवे स्टेशन पर बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। जहां बीजेपी के नेता रेल रोके जाने के लिए पहुंचे, वहीं आरोप लगा कि टीएमसी के कार्यकर्ता पहले से वहां मौजूद थे। दोनों पक्षों के बीच झड़प शुरू हो गई, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया।
बीजेपी नेताओं को किया गिरफ्तार
सुकांता मजूमदार के नेतृत्व में बीजेपी कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन के लिए उतरे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। कई कार्यकर्ता कोलकाता में रोडवेज बसों की छतों पर चढ़ गए। वहीं कुछ लोगों ने बैरिकेडिंग को भी उखाड़कर फेंक दिया। जब लॉकेट चटर्जी कोलकाता की सड़कों पर उतरीं, तो उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसी प्रकार, रूपा गांगुली भी जब सड़कों पर उतरीं, तो उन्हें भी रोकने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। बीजेपी के राहुल सिन्हा को भी पुलिस ने हिरासत में लिया।
सीएम ममता ने बीजेपी पर लगाया आरोप
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने जानबूझकर बंद का आह्वान किया है। उनका कहना है कि बीजेपी के लोग बंगाल की सड़कों पर लाशें देखना चाहते हैं। जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के भाटपारा में बंद के दौरान गोलीबारी हुई, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि बीजेपी नेता प्रियांगु पांडेय की गाड़ी पर फायरिंग की गई, जिसमें उनके ड्राइवर को गोली लगी।
इसके अलावा प्रियांगु पांडेय ने भी यह आरोप लगाया कि उनकी गाड़ी को जानबूझकर निशाना बनाया गया और बमों का प्रयोग किया गया। उन्होंने बताया कि इस हमले में 6 से 7 राउंड गोलियां चलाई गईं।
उन्होंने आगे कहा, "हम अर्जुन सिंह के घर जा रहे थे, और हमारी यात्रा के शुरू हुए अभी तीन मिनट भी नहीं हुए थे कि रास्ते को जाम कर दिया गया। हमारी गाड़ी रुकते ही, लगभग 50-60 लोगों ने हमारी गाड़ी पर बम फेंकना शुरू कर दिया।
इस दौरान 7 से 8 बम फेंके गए, उसके बाद हमारी ओर फायरिंग की गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 6 से 7 राउंड गोलियां चलाई गईं, और यह पूरी घटना टीएमसी और पुलिस की मिलीभगत का परिणाम है।
'बलात्कार के मामलों में 10 दिनों के भीतर न्याय हो'- ममता
टीएमसी सांसद सायनी घोष ने कहा है कि जब बीजेपी बंद का आवाहन करती है, तो टीएमसी ने भी तय किया है कि वह सड़क पर उतरकर इसका जवाब देगी। दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने रविवार को महिलाओं से प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। उनका मानना है कि देश में बलात्कार के खिलाफ कड़े कानून बनाए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विधानसभा में ऐसा कानून लाएगी जिससे बलात्कार के मामलों में 10 दिनों के भीतर न्याय प्राप्त हो सके। ममता ने चेतावनी दी है कि अगर इस बिल को राजभवन द्वारा पास नहीं किया गया, तो वहां भी प्रदर्शन किया जाएगा।
अब सवाल उठता है कि क्या बंद के माध्यम से ही इस मुद्दे का समाधान किया जाएगा ? क्या इसी प्रकार हर महिला को न्याय मिल पाएगा ? या फिर बंगाल में प्रदर्शन राजनीति के बीच ऐसे दृश्य नजर आते रहेंगे, जैसे कि बुधवार को प्रदर्शन के दौरान बसों के ड्राइवर हेलमेट पहन कर बसें चलाते हुए दिखे। यानी, नेता अपनी राजनीति के खेल में व्यस्त रहेंगे और जनता को अपनी सुरक्षा स्वयं करनी पड़ेगी।