Yamuna River Pollution: यमुना में गंदे पानी की एंट्री बंद! CM सैनी का सख्त निर्देश

Yamuna River Pollution: यमुना में गंदे पानी की एंट्री बंद! CM सैनी का सख्त निर्देश
अंतिम अपडेट: 7 घंटा पहले

हरियाणा के CM नायब सैनी ने यमुना प्रदूषण पर सख्ती दिखाते हुए उपायुक्तों को निर्देश दिए कि नदी में सीवेज या गंदा नाला न गिरे, इसे साफ रखना सबकी जिम्मेदारी है।

Yamuna River Pollution: हरियाणा सरकार ने यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी हालत में यमुना में सीवेज या प्रदूषित नाले का पानी नहीं गिरना चाहिए। खासकर पानीपत, सोनीपत, पलवल और यमुनानगर जिलों के उपायुक्तों को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि गंदे पानी को ट्रीट कर यमुना में जाने से रोका जा सके।

यमुना की सफाई सामूहिक जिम्मेदारी: सीएम सैनी

शनिवार को सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी के साथ हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि यमुना की सफाई सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि सभी नागरिकों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीवेज के पानी के बहाव के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए और ट्रीटमेंट प्लांट्स के रखरखाव की उचित निगरानी सुनिश्चित की जाए।

बाढ़ नियंत्रण के लिए उपायुक्तों को मिले निर्देश

मुख्यमंत्री ने राज्य में जलभराव की समस्या को रोकने के लिए उपायुक्तों को नालों की सफाई और नहरों की डिसिल्टिंग कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए उन्हें समय पर पूरा करने पर जोर दिया गया है। किसी भी परियोजना में देरी या खामी मिलने पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने और आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।

तटबंधों को मजबूत करने के निर्देश

गांवों के पास नदी के तटबंधों को मजबूत करने और भूमि कटाव रोकने के लिए स्टोन स्टड्स बनाने पर भी जोर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि स्टोन स्टड्स का सर्वेक्षण किया जाए और जरूरत के अनुसार उनकी मरम्मत कराई जाए। यदि किसी तरह की लापरवाही पाई जाती है, तो दोषी ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।

सिंचाई जल वितरण में समानता लाने पर जोर

मुख्यमंत्री सैनी ने सिंचाई जल के समान वितरण पर जोर देते हुए कहा कि सभी नहरों की सफाई और मरम्मत की जानी चाहिए, ताकि गर्मी के मौसम में पानी की कमी न हो। उन्होंने अधिकारियों को जलाशयों की सफाई और पेयजल आपूर्ति के लिए जरूरी प्रबंध करने के निर्देश भी दिए।

बाढ़ नियंत्रण के लिए 352 योजनाओं को मंजूरी

बैठक में बाढ़ नियंत्रण के लिए 658 करोड़ रुपये की 352 योजनाओं को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पंपों की खरीद और अन्य आवश्यक कार्य 30 जून से पहले पूरे कर लिए जाएं। साथ ही, जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी की निकासी के लिए पाइपलाइन बिछाने और मोटर पैनल की खरीद प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।

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