छत्तीसगढ़ : सख्त कानूनों के साथ आ रहा है छत्तीगढ़ में एंटी-कंवर्जन बिल, 60 दिनों में DM को देनी होगी पर्सनल डिटेल्स

छत्तीसगढ़ : सख्त कानूनों के साथ आ रहा है छत्तीगढ़ में एंटी-कंवर्जन बिल, 60 दिनों में DM को देनी होगी पर्सनल डिटेल्स
subkuz.com
Last Updated: 27 फरवरी 2024

छत्तीसगढ़ : सख्त कानूनों के साथ आ रहा है छत्तीगढ़ में एंटी-कंवर्जन बिल, 60 दिनों में DM को देनी होगी पर्सनल डिटेल्स 

छत्तीसगढ़ एंटी-कंवर्जन बिल : छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को रोकने के लिए सीएम विष्णुदेव साय (CM Vishnudev Say) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार नया कानून लेकर आने वाली है। छत्तसीगढ़ के संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agrawal) का कहना कि हमारी सरकार विधानसभा के चल रहे इसी सत्र में धर्म स्वतंत्र विधेयक लाएगी। विधेयक के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति दूसरा धर्म स्वीकार करना चाहता है तो उसे कम से कम 60 दिन पहले पर्सनल डिटेल्स (personal details) के साथ एक फॉर्म भरना होगा और जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) के पास जमा करना होगा।

बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agrawal ने 15 फरवरी को कहा था, छत्तीसगढ़ में लगातार धर्मांतरण के मामले देखने को मिल रहे हैं। जिसके तहत धर्मातरण के खिलाफ 34 रिपोर्ट दर्ज की गई हैं।ऐसी बहुत सारी शक्तियां हैं जो कि विदेशी फंड के आधार पर छत्तीसगढ़ की जनसांख्यिकी और अर्थव्यवस्था को तहस-नहस करने की कोशिश कर रही है। BJP के कई पदाधिकारियों का कहना है कि छत्तीगढ़ मर धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) के कारण जनसांख्यिकी पर प्रभाव पड़ा है। इसलिए, कानून लागू करने केबाद धर्मातरण पर रोक लगाई जा सकती है।

 धर्म परिवर्तन के मकसद की होगी जाँच : DM

subkuz.com को मिली रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित विधेयक के अनुसार प्रावधान होगा कि अगर छत्तीसगढ़ में रहने वाला कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसे कम से कम 60 दिन पहले व्यक्तिगत विवरण के साथ फॉर्म भरकर डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट (District Magistrate) के पास जमा करवाना होगा। इसके बाद डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट पुलिस से व्यक्ति के धर्म बदलने के पीछे के 'वास्तविक इरादे, कारण और उद्देश्य' का आकलन करने को कहेंगे। इसी तरह धर्मांतरण समारोह का आयोजन करने वाले व्यक्ति या संस्था को भी कम से कम 30 दिन पहले फॉर्म भरकर देना अनिवार्य होगा। जाँच के दौरान यदि कुछ संदिग्ध नहीं मिला तो धर्मांतरण की इजाजत होगी अन्यथा नहीं।

जबरन धर्म परिवर्तन माना जायेगा अवैध

ड्राफ्ट में बताया गया कि इस धर्म स्वतंत्र विधेयक का मसौदा/ ड्राफ्ट तैयार है लेकिन विधानसभा में पेश किए जाने से पहले इसमें कुछ संशोधन किए जा सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मसौदे में यह भी कहा गया कि किसी चीज का दुरुपयोग करके, अनुचित प्रभाव, बलपूर्वक, जबरदस्ती, प्रलोभन या धोखा देकर किसी से शादी करके भी एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन नहीं किया जा सकता। अगर जांच के दौरान DM को इसकी सूचना मिलती है तो वह इस तरह के धर्मांतरण को अवैध करार देंगे और क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।

धर्मांतरण के बाद भी DM कार्यलय में होना होगा उपस्थित

subkuz.com मीडिया रिपोर्ट की मानें तो विधेयक के मसौदे/ड्राफ्ट में यह भी कहा गया कि धर्मांतरण के बाद व्यक्ति को 60 दिनों के अंदर DM (District Magistrate) कार्यलय के नोटिस बोर्ड पर एक और घोषणा पत्र भरना होगा और जांच के लिए DM (District Magistrate) के सामने स्वयं को पेश करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो धर्मांतरण को अवैध माना जा सकता है। डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट की ओर से धर्म परिवर्तन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की रजिस्ट्री राखी जाएगी।

अपने वास्तविक धर्म में लौटने पर लागू नहीं होगा ये कानून

मिली जनकरी के मुताबिक, विधेयक में यह भी कहा गया कि नाबालिगों, महिलाओं, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्यों का अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने वालों को दोषी करार देते हुए कम से कम 2 वर्ष और अधिकतम 10 वर्ष की जेल होगी। इसके साथ ही उस पर न्यूनतम 25,000 रुपए का जुर्माना लगेगा। वहीं, अवैध तरिके से सामूहिक धर्म परिवर्तन पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की सजा और 50,000 रुपये जुर्माना होगा।  सूत्रों के अनुसार, कोर्ट धर्म परिवर्तन के पीड़ित को भी 5 लाख रुपये तक का मुआवजा भी मंजूर कर सकता है। मसौदे में कहा गया कि यह कानून उन लोगों पर लागू नहीं होगा, जो अपने वास्तविक धर्म में फिर धर्म परिवर्तन करके वापस लौटना चाहते हैं।

 

 

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