मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, अंतरिक्ष में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को दी मंजूरी, गूंजेगी भारत की जय-जयकार

मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, अंतरिक्ष में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को दी मंजूरी, गूंजेगी भारत की जय-जयकार
Last Updated: 27 फरवरी 2024

मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, अंतरिक्ष में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को दी मंजूरी, गूंजेगी भारत की जय-जयकार 

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (21 फरवरी) को अंतरिक्ष क्षेत्र के सम्बन्ध में FDI (Foreign Direct Investment) नीति में संशोधन की 100 प्रतिशत मंजूरी दी। अब उपग्रह क्षेत्र को विदेशी निवेश के लिए सीमाओं के साथ 3 अलग-अलग गतिविधियों (49%,74% or 100%) में विभाजित किया गया है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया।

भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 के तहत किया बदलाव

इस नीति में किये गए बदलाव के अनुसार मोदी सरकार ने उपग्रह स्थापना और परिचालन, उपग्रह से मिलने वाले आंकड़ों जैसे क्षेत्रों में फलस्वरूप,मार्ग से 74 प्रतिशत तक FDI की मंजूरी दी है। 'लॉन्चर व्हीकल' के अंतर्गत परिभाषित गतिविधियां या संबंधित प्रणालियां, उप-प्रणालियां हैं, और अंतरिक्ष यान को लॉन्च करने प्राप्त करने के लिए अंतरिक्ष बंदरगाहों के निर्माण में 49 प्रतिशत तक FDI की अनुमति दी गई। बताया गया कि  इन क्षेत्रो में इस सिमा से अधिक के निवेश के लिए सरकार से मंजूरी लेना जरूरी होगा। बदलाव के तहत, 'उपग्रह' के अंतर्गत गतिविधियां विनिर्माण और संचालन, उपग्रह डेटा उत्पाद,यूजर सेगमेंट और ग्राउंड सेगमेंट (Ground segment)  हैं। मौजूदा नीति के अनुसार, उपग्रहों की स्थापना और संचालन में केवल सरकारी अनुमोदन मार्ग से FDI (Foreign Direct Investment) की अनुमति है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 के तहत विजन और रणनीति के अनुरूप, विभिन्न उप-क्षेत्रों /गतिविधियों के लिए उदारीकृत एफडीआई (FDI) उनकी सीमाएं निर्धारित करके अंतरिक्ष क्षेत्र के सबंध में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (FDI) नीति को ओर अधिक आसान बना दिया है। साथ ही नीति 2023 को को संवर्धित निजी भागीदारी के तहत अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत के सामर्थ्य का पता लगाने के विजन को लागू करने के लिए समग्र, एक व्यापक और गतिशील ढांचे के रूप में अधिसूचित किया गया था।

'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर बनेगा भारत'

subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार, संशोधित एफडीआई (FDI) नीति के तहत उदारीकृत प्रवेश मार्गों का मकसद संभावित निवेशकों को अंतरिक्ष में भारतीय कंपनियों में निवेश करने के लिए आकर्षित करना है। इन निजी क्षेत्र की बढ़ी हुई भागीदारी से आधुनिक प्रौद्योगिकी और रोजगार पैदा करने, क्षेत्र को अधिक आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। मोदी सरकार की ओर से जारी किये गए बयान में कहा गया कि इसके साथ देश की कंपनियां सरकार की मेक इन इंडिया (Make in India)'और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल को प्रोत्साहित करते हुए देश में अपनी विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने में सक्षम होंगी।

 

 

 

 

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