स्फीरेक्स हबल और वेब टेलीस्कोप की तरह विस्तृत रूप से आकाशगंगाओं को नहीं देख पाएगा, बल्कि पूरे समूह की कुल चमक का निरीक्षण करेगा, जिसमें बिग बैंग के बाद बनी प्रारंभिक आकाशगंगाएं भी शामिल हैं।
SPHEREx : नासा की नई अंतरिक्ष दूरबीन SPHEREx (स्पेक्ट्रो-फोटोमीटर फॉर द हिस्ट्री ऑफ द यूनिवर्स, एपोच ऑफ रीआयनाइज़ेशन एंड आईस एक्सप्लोरर) मंगलवार को सफलतापूर्वक लॉन्च हो गई। इसका लक्ष्य पूरे आकाश का नक्शा तैयार करना है, जो पहले कभी नहीं किया गया। स्पेसएक्स ने कैलिफोर्निया के वैंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से इस वेधशाला को लॉन्च किया, जो पृथ्वी के ध्रुवों के ऊपर से उड़ान भरेगी। इसके साथ ही सूर्य का अध्ययन करने के लिए चार छोटे उपग्रह भी भेजे गए हैं।
कैसे करेगा SPHEREx काम?
SPHEREx, हबल और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की तरह आकाशगंगाओं का विस्तृत अवलोकन नहीं करेगा। इसके बजाय, यह संपूर्ण आकाश का सर्वेक्षण करेगा और आकाशगंगाओं के समूहों द्वारा उत्सर्जित कुल चमक को रिकॉर्ड करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य यह समझना है कि ब्रह्मांड कैसे बना और विकसित हुआ। इस टेलीस्कोप की सहायता से वैज्ञानिक बिग बैंग के बाद बनी शुरुआती आकाशगंगाओं की रोशनी का विश्लेषण कर सकेंगे।
बर्फीले बादलों में जीवन के संकेतों की खोज
488 मिलियन डॉलर की लागत वाले इस मिशन का एक प्रमुख उद्देश्य सितारों के बीच मौजूद बर्फीले बादलों में पानी और जीवन के अन्य तत्वों की खोज करना है। खासतौर पर मिल्की वे आकाशगंगा में जहां नए सौर मंडल बन रहे हैं, वहां यह महत्वपूर्ण खोज करेगा।
SPHEREx की संरचना और कार्यप्रणाली
शंकु के आकार का SPHEREx टेलीस्कोप लगभग 500 किलोग्राम वजनी है, जो एक भव्य पियानो जितना भारी है। इसमें अवरक्त सेंसर लगे हैं, जो पूरे आकाश का सर्वेक्षण करने में छह महीने का समय लेंगे। आने वाले दो वर्षों में यह चार बार पूरे आकाश का स्कैन करेगा, क्योंकि यह 400 मील (650 किलोमीटर) ऊपर पृथ्वी के ध्रुवीय कक्षा में परिक्रमा करेगा।
ब्रह्मांडीय चमक का अध्ययन करेगा SPHEREx
इस मिशन के प्रमुख वैज्ञानिक जेमी बॉक के अनुसार, यह टेलीस्कोप ब्रह्मांड में मौजूद सभी प्रकाश स्रोतों की संयुक्त चमक का अध्ययन करेगा। इससे वैज्ञानिक यह समझ सकेंगे कि किन स्रोतों को अब तक अनदेखा किया गया था।
ब्रह्मांड की उत्पत्ति के रहस्यों से उठेगा पर्दा
SPHEREx के अवरक्त डिटेक्टर 102 अलग-अलग रंगों की पहचान कर सकेंगे, जो सामान्य मानव आंखों से देखे नहीं जा सकते। यह ब्रह्मांड का अब तक का सबसे रंगीन और समावेशी नक्शा तैयार करेगा। नासा की जेट प्रोपल्शन लैब में डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर बेथ फैबिंस्की ने कहा कि यह "इंद्रधनुषी चश्मे से ब्रह्मांड को देखने" जैसा होगा।