आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी के अवसर पर शस्त्र पूजा की। इस मौके पर उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार, कोलकाता कांड और इजरायल युद्ध पर अपने विचार व्यक्त किए। भागवत ने हिंदुओं को एकजुट होने का संदेश दिया और इस बात पर जोर दिया कि समुदाय को एकजुट होकर अपने अधिकारों और सुरक्षा के लिए खड़ा होना चाहिए।
नागपुर: नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी के अवसर पर 'शस्त्र पूजा' की। इस कार्यक्रम में उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार, कोलकाता कांड और इजरायल युद्ध पर अपने विचार व्यक्त किए। भागवत ने इस मौके पर हिंदुओं को एकजुट होने का संदेश देते हुए कहा कि समुदाय को एकजुट होकर अपने अधिकारों और सुरक्षा के लिए खड़ा होना चाहिए। उनका यह बयान समाज में सुरक्षा और न्याय की आवश्यकता को उजागर करता हैं।
RSS का स्थापना दिवस
आरएसएस प्रमुख का विजयादशमी संबोधन संगठन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम माना जाता है, क्योंकि इस दौरान उनके द्वारा भविष्य की योजनाओं और दृष्टिकोणों को सभी के सामने प्रस्तुत किया जाता है। इस मंच से राष्ट्रीय महत्व के कई मुद्दों पर आरएसएस के रुख का पता चलता है, जिससे समाज और राजनीति में उनके प्रभाव का आभास होता है। इस वर्ष, भागवत ने 2024 में संघ के स्थापना दिवस के शताब्दी वर्ष पर भी चर्चा की। आरएसएस विजयादशमी के दिन ही अपना स्थापना दिवस मनाता है, जो 1925 में डॉ. बलराम कृष्ण हेडगेवार द्वारा स्थापित किया गया था।
विजयादशमी पर मोहन भागवत द्वारा कही गई अहम बातें
1. शताब्दी वर्ष में पहुंचा RSS
* आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आज संघ अपने कार्यों के सौ वर्ष में पहुंच रहा है।
* यह अवसर खास है क्योंकि महारानी दुर्गावती, महारानी होल्कर और महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती भी है।
* उन्होंने कहा कि इन महान व्यक्तियों के योगदान को याद करना हम सभी का कर्तव्य हैं।
2. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला
* भागवत ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर नाराजगी जाहिर की।
* उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी लोग हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं।
* भागवत ने आग्रह किया कि वहां हिंसा बढ़ने पर हिंदू समुदाय को एकजुट होना होगा।
3. कोलकाता कांड शर्मनाक
* भागवत ने कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना को शर्मनाक बताया।
* उन्होंने कहा कि यह घटना पूरे समाज के लिए कलंक है।
* डॉक्टरों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई, लेकिन कुछ लोग अपराधियों का संरक्षण कर रहे हैं, जो गलत हैं।
4. इजरायल-हमास युद्ध
* भागवत ने इजरायल-हमास युद्ध का जिक्र करते हुए इसके दूरगामी परिणामों की चिंता जताई।
* उन्होंने कहा कि देश में कट्टरपन की घटनाएं बढ़ रही हैं।
* किसी नीति या स्थिति पर असंतोष व्यक्त करने के लिए प्रजातांत्रिक मार्ग अपनाना चाहिए; हिंसा कभी सही नहीं है।
* भागवत ने विशेष वर्ग को निशाना बनाना या डराना गुंडागर्दी करार दिया और इस पर एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया।