अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पद ग्रहण करने से पहले, जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूस के भीतर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमले की अनुमति देकर पूरी दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की ओर धकेल दिया है। इस स्थिति में, बाइडेन के खिलाफ महाभियोग लगाने की रणनीति तैयार करने के दावे भी किए जाने लगे हैं।
वाशिंगटन: रूस पर यूक्रेन को अमेरिकी मिसाइलों से हमले की अनुमति देने के बाद, राष्ट्रपति जो बाइडेन पर रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने तीव्र हमला बोला है। उनका आरोप है कि बाइडेन के इस फैसले से तीसरे विश्व युद्ध की संभावना बढ़ गई है। कुछ ने तो इस कदम को 'युद्ध की दिशा में एक और कदम' करार दिया है, और बाइडेन के खिलाफ महाभियोग की मांग भी उठने लगी है।
'तीसरे विश्व युद्ध' का आरोप
रिपब्लिकन नेताओं और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगियों ने बाइडेन के इस फैसले को गंभीर चिंता का विषय बताया है। ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, "ऐसा लगता है कि मिलिट्री इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स चाहता है कि ट्रंप के शांति स्थापित करने से पहले तीसरा विश्व युद्ध करवा दिया जाए।" इस बीच, रिपब्लिकन सांसदों ने बाइडेन पर आरोप लगाया है कि वह जानबूझकर दुनिया को युद्ध के खतरों में झोंक रहे हैं।
महाभियोग की रणनीति
पूर्व युद्ध अपराध अभियोजक डॉ. फ्रांसिस बॉयल ने बाइडेन के खिलाफ महाभियोग लाने के लिए विधेयक का प्रस्ताव किया है, जिससे बाइडेन पर हमले और बढ़ गए हैं। हालांकि, रिपब्लिकन पार्टी की ओर से इस बारे में आधिकारिक मांग नहीं की गई है, लेकिन यह स्पष्ट है कि बाइडेन के निर्णय को लेकर विवाद गहरा गया है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने किया बचाव
बाइडेन प्रशासन के फैसले का बचाव करते हुए, विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि बाइडेन ने अपनी विदेश नीति के तहत यह निर्णय लिया है, जो अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक था। मिलर ने यह भी कहा कि बाइडेन को चार साल के कार्यकाल के लिए चुना गया था और वह अपनी नीतियों को लागू कर रहे हैं।
यूक्रेन में हमले की अनुमति पर बहस
व्हाइट हाउस, विदेश विभाग और यूरोपीय सहयोगियों के बीच महीनों से इस मुद्दे पर चर्चा चल रही थी। अमेरिका द्वारा आपूर्ति की गई अटैकम मिसाइलों का उपयोग करके यूक्रेनी सेना को रूस के कुर्स्क क्षेत्र में सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने की अनुमति दी गई है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि रूस की सेनाओं के खिलाफ यह हमला रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, खासकर जब उत्तर कोरिया के सैनिक रूस में तैनात हैं।
ट्रंप का युद्ध खत्म करने का सुझाव
हालांकि ट्रंप और उनके सहयोगियों ने यूक्रेन को सैन्य सहायता और वित्तीय समर्थन की आलोचना की है, ट्रंप का कहना है कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराना चाहते हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह साफ नहीं है कि ट्रंप अपने उद्घाटन के बाद इस मामले में बाइडेन के निर्णय को पलटने के लिए कोई कदम उठाएंगे या नहीं।
बाइडेन के फैसले ने न केवल अमेरिका में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विवादों को जन्म दिया है। जबकि रिपब्लिकन पार्टी बाइडेन के निर्णय को 'तीसरे विश्व युद्ध की ओर एक कदम' मान रही है, वहीं बाइडेन प्रशासन इसे अपनी विदेश नीति का हिस्सा मानते हुए इसे उचित ठहरा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अगले महीने की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में इस फैसले का असर होगा, और क्या ट्रंप के उद्घाटन के बाद इस पर कोई नया मोड़ आएगा।