युद्ध से जूझ रहे मध्य-पूर्व और यूरोप में, भारत मानवता का सबसे बड़ा साथी बनकर सामने आया है। भारत हमेशा शांति के माध्यम से समस्या के समाधान की वकालत करता रहा है। इसके साथ ही, युद्ध प्रभावित देशों को निरंतर चिकित्सा, भोजन और अन्य राहत सामग्री उपलब्ध कराता रहा है। इस बार, भारत ने लेबनान को 33 टन राहत सामग्री भेजी है।
New Delhi: इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच हो रहे भीषण युद्ध का असर आम लेबनानी नागरिकों पर भी पड़ रहा है। हजारों नागरिक बेघर हो चुके हैं और उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय है। उन्हें चिकित्सा, भोजन और वस्त्र जैसी आवश्यक राहत सामग्रियों की सख्त आवश्यकता है।
इस संकट के समय में, मानवता के सबसे बड़े प्रवक्ता भारत ने लेबनान की मदद के लिए आगे बढ़ते हुए राहत सामग्री भेजी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत ने बेरूत के लिए 33 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी है।
भारत ने लेबनान को 33 टन राहत सामग्री भेजी
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि लेबनान को कुल 33 टन चिकित्सा सामग्री भेजी जा रही है। इस सहायता के तहत पहली खेप के रूप में 11 टन चिकित्सा आपूर्ति भेजी गई है। यह भारत की ओर से लेबनान के नागरिकों के लिए एक मानवीय सहायता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर, लेबनान के निर्दोष नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने और उन्हें इस कठिनाई में संबल प्रदान करने के लिए भारत ने यह मदद भेजी है।
राहत सामग्री में दवाओं की सबसे बड़ी खेप
इजरायल के हमले के परिणामस्वरूप लेबनान में आम नागरिक बड़ी संख्या में घायल और बीमार हो रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए, उन्हें चिकित्सा सामग्री की अत्यधिक आवश्यकता है। इसी संदर्भ में, भारत द्वारा भेजी गई राहत सामग्री की इस खेप में फार्मास्युटिकल उत्पादों की एक व्यापक श्रृंखला शामिल है, जिसमें हृदय संबंधी दवाएं, एनएसएआईडी (गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं), एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट, एंटीबायोटिक्स और एनेस्थेटिक्स शामिल हैं।