किसान आंदोलन के दौरान सयुंक्त मोर्चा के सभी किसान केंद्र सरकार से नाराज है। ऐसे में बैठक के तहत उन्होंने एलान किया है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पंजाब दौरे पर आते हैं तो वे इसका जमकर विरोध करेंगे।
Punjab News: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने मंगलवार को एक बैठक के दौरान घोषणा की है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगर पंजाब में रैली करेंगे तो संयुक्त किसान मोर्चा जिला व तहसील स्तर पर काले झंडे दिखाकर उनका विरोध करेगा। सभी किसान केंद्र सरकार से नाराज हैं। जिसके दौरान सयुंक्त किसान मोर्चा ने ये घोषणा की है।
किसानों ने बैठक में लिया निर्णय
मिली जानकारी के अनुसार, किसानों ने यह निर्णय चंडीगढ़ में हुई मोर्चे की बैठक में लिया। यह बैठक 21 मई को जगराओं में करवाई जा रही महारैली की तैयारियों को लेकर बुलाई गई थी। इसकी अध्यक्षता हरिंदर सिंह लक्खोवाल, मनजीत सिंह धनेर और फुरमान सिंह संधू ने मिलकर की है।
बताया जा रहा है कि 5 जनवरी, 2022 को भी जब एक चुनावी रैली को संबोधित करने और कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी फिरोजपुर आए थे, तब भी किसानों ने उनके आने पर जमकर विरोध किया और उनका रास्ता रोका था। इस कारण वह रैली द्वारा जनसभा को संबोधित किए बिना ही लौट गए थे।
21 मई को जगराओं में रैली आयोजन
बता दें कि यह दूसरा मौका है जब किसानों ने पीएम मोदी के विरोध का एलान किया है। बलबीर सिंह राजेवाल और हरिंदर सिंह लक्खोवाल आदि ने subkuz.com टीम को बताया कि मोर्चा ने नारा दिया है, 'बीजेपी हराओ, कारपोरेट भगाओ, देश बचाओ'। इसी नारे के दौरान जगराओं में 21 मई को रैली की जा रही हैं। जिसमें राज्य के अलग-अलग इलाकों से अनेकों किसान और महिलाएं हिस्सा लेंगी।
आंदोलन के तहत शंभू स्टेशन पर धरना
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ़िलहाल किसान नेता साथियों की रिहाई के लिए शंभू रेलवे स्टेशन के नजदीक रेल लाइन पर आंदोलन कर रहे हैं। जिस कारण रेलवे पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। यात्रियों को सफर में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने MSP सहित कई मांगों को लेकर दिल्ली कूच किया था।
लेकिन उन्हें दिल्ली कूच के दौरान रोका गया। जिसके बाद किसानों में केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी देखि जा रही है। साथ ही आंदोलन में किसान शुभकरण सिंह की मौत को लेकर न्याय की मांग कह रहे हैं। जिनकी 21 फरवरी, 2024 को पंजाब-हरियाणा सीमा (Punjab-Haryana Border) पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP News) की गारंटी देने वाले कानून की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान मृत्यु हो गई थी।