तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है। अब इस क्षेत्र के छात्र भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसे आधुनिक विषयों की पढ़ाई करेंगे। यह पहल छात्रों को वैश्विक स्तर पर हो रहे तकनीकी बदलावों के लिए तैयार करने और उन्हें उद्योगों में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के उद्देश्य से की गई हैं।
AI और मशीन लर्निंग अब सिर्फ कंप्यूटर साइंस तक सीमित नहीं
अब तक AI और मशीन लर्निंग की पढ़ाई केवल कंप्यूटर साइंस और संबंधित इंजीनियरिंग ब्रांच में ही होती थी। लेकिन, AICTE ने इसे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में शामिल कर एक क्रांतिकारी बदलाव किया है। परिषद के अध्यक्ष, डॉ. टी.जी. सीताराम ने कहा कि यह निर्णय उत्कृष्टता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए लिया गया हैं।
मॉडल पाठ्यक्रम हुआ जारी
AICTE ने इस बदलाव के लिए एक नया मॉडल पाठ्यक्रम भी जारी किया है, जिसे सभी तकनीकी संस्थानों को अपनाने की सलाह दी गई है। इस पाठ्यक्रम में क्रिटिकल थिंकिंग, एथिकल लीडरशिप और उद्यमशीलता को भी शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य न केवल तकनीकी रूप से सक्षम इंजीनियर तैयार करना है, बल्कि समाज और उद्योग में सकारात्मक बदलाव लाने वाले लीडर तैयार करना भी हैं।
इंडस्ट्री से जुड़ने के मौके बढ़ेंगे
नए पाठ्यक्रम का मुख्य जोर छात्रों की व्यावहारिक शिक्षा पर रहेगा। इसके तहत छात्रों को उद्योगों के साथ जुड़ने, फील्ड विजिट और इंटर्नशिप के अवसर दिए जाएंगे। इससे उन्हें वास्तविक इंडस्ट्री की चुनौतियों को समझने और समाधान निकालने का अनुभव मिलेगा।
डॉ. सीताराम ने बताया कि पाठ्यक्रम में इस बदलाव से छात्रों के लिए बेहतर करियर विकल्प तैयार होंगे। साथ ही, यह कदम उद्योगों की बदलती मांगों को पूरा करने में भी सहायक होगा।
UGC का भी बड़ा कदम डिग्री लेने में अब नहीं लगेगा तीन साल का समय
AICTE के इस बदलाव के अलावा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने भी हाल ही में एक बड़ा ऐलान किया है। UGC अध्यक्ष प्रो. जगदीश कुमार ने घोषणा की है कि अब स्नातक की डिग्री लेने के लिए छात्रों को तीन साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। छात्र चाहें तो इसे ढाई साल में भी पूरा कर सकते हैं।
समय की बचत होगी
इस नई व्यवस्था के तहत, छात्रों को तीन साल की डिग्री ढाई साल में और चार साल की डिग्री तीन साल में पूरी करने का विकल्प दिया जाएगा। इससे न केवल छात्रों का समय बचेगा, बल्कि वे जल्दी अपने करियर की शुरुआत कर सकेंगे।
छात्रों और उद्योगों के लिए एक नई दिशा
AICTE और UGC के इन बदलावों का उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है। जहां एक ओर AI और मशीन लर्निंग को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में शामिल करना छात्रों को भविष्य की तकनीकों के लिए तैयार करेगा, वहीं डिग्री की समय सीमा में लचीलापन छात्रों को अधिक स्वतंत्रता और दक्षता प्रदान करेगा।
यह पहल न केवल छात्रों के लिए लाभकारी होगी, बल्कि देश में तकनीकी शिक्षा के स्तर को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।