Indian Students in US: अमेरिकी आदेश से भारतीय छात्रों को बड़ा झटका, लौटने की अंतिम तारीख 20 जनवरी, जानें वजह

Indian Students in US: अमेरिकी आदेश से भारतीय छात्रों को बड़ा झटका, लौटने की अंतिम तारीख 20 जनवरी, जानें वजह
Last Updated: 30 नवंबर 2024

अमेरिकी विश्वविद्यालयों ने विदेशी छात्रों को 20 जनवरी से पहले लौटने का आदेश दिया है। यह फैसला ट्रंप प्रशासन द्वारा अवैध अप्रवासियों के निर्वासन पर चर्चा के बाद लिया गया, जिससे भारतीय छात्रों के लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं।

Indian Students in US: अमेरिकी विश्वविद्यालयों ने विदेशी छात्रों और कर्मचारियों को 20 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश से पहले देश लौटने की सलाह दी है, जब डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। यह फैसला ट्रंप प्रशासन की अवैध अप्रवासियों के निर्वासन की योजना के कारण आया है। इस आदेश का असर भारतीय छात्रों पर खासतौर पर पड़ सकता है, क्योंकि भारत के 330,000 छात्र अमेरिका में अध्ययन कर रहे हैं और उनका भविष्य अब दांव पर लगा हुआ है।

ट्रंप प्रशासन की कड़ी नीतियों का असर

मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) सहित अन्य प्रमुख विश्वविद्यालयों ने यह सलाह दी है कि जिन छात्रों के पास वैध एफ वीजा है, वे प्रभावित नहीं होंगे, लेकिन जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिकी प्रशासन ने 2017 में भी इसी प्रकार के कड़े कदम उठाए थे, जब सात मुस्लिम देशों के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश से रोक दिया गया था।

भारतीय छात्रों के लिए बढ़ी मुश्किलें

अंतरराष्ट्रीय एजुकेशनल एक्सचेंज की ओपन डोर्स रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में 11 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं, जिनमें सबसे बड़ी संख्या भारतीय छात्रों की है। इनमें से कुछ छात्रों के पास वैध दस्तावेज नहीं हैं, और अब इस आदेश से उनके लिए वापसी या भविष्य में अमेरिका में रहकर पढ़ाई करना मुश्किल हो सकता है। वर्तमान में अनुमानित 400,000 अवैध छात्र अमेरिका में रह रहे हैं, और इस नए आदेश से उनका भविष्य अनिश्चित हो सकता है।

विज़ा वाले छात्रों को राहत

MIT ने बताया है कि जिन छात्रों के पास वैध एफ वीजा है, उन्हें ट्रंप प्रशासन के किसी भी वीजा प्रतिबंध से कोई असर नहीं होगा। इसके बावजूद, जो छात्र अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। अमेरिकी प्रशासन के पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, विदेशी छात्रों के लिए कड़ी नीतियों का पालन किया जा रहा है, जिससे उनका भविष्य अब असुरक्षित हो गया है।

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