रविचंद्रन अश्विन, जो भारत के सबसे बेहतरीन स्पिन गेंदबाजों में से एक माने जाते हैं, उन्होंने 38 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है। उन्होंने यह हैरान करने वाला फैसला बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान लिया, जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गाबा टेस्ट मैच ड्रॉ हुआ था।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारत के दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 38 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा कर दी है। यह घोषणा उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान गाबा टेस्ट मैच के ड्रॉ होने के बाद की, जिससे क्रिकेट जगत को एक बड़ा झटका लगा। अश्विन को BGT 2024-25 के एडिलेड टेस्ट मैच में खेलने का मौका मिला था, हालांकि उन्होंने इस मैच में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया।
बाद में, ब्रिस्बेन में रवींद्र जडेजा के अच्छे प्रदर्शन के बाद अश्विन के लिए आगे खेलने के मौके कम नजर आ रहे थे। उनकी संन्यास की खबर उस समय से ही तैरने लगी थी जब वह ड्रेसिंग रूम में इमोशनल दिखे थे और विराट कोहली ने उन्हें गले लगाया था।
अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को कहा अलविदा
गाबा टेस्ट मैच ड्रॉ होने के बाद रविचंद्रन अश्विन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी संन्यास की घोषणा की। उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के तौर पर आज मेरा आखिरी दिन था। मैं अब इस खेल से नहीं जुड़ा रहूंगा, लेकिन किसी ना किसी रूप में क्रिकेट से हमेशा जुड़ा रहूंगा।" अश्विन ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए एक्स (Twitter) पर भी एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, "बहुत सोचने के बाद, मैंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का एलान करने का फैसला किया हैं।
भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए यह एक अविश्वसनीय जर्नी रही है, जो अविस्मरणीय पलों से भरी हुई है। मेरे साथियों, कोचों, बीसीसीआई और सबसे अहम दर्शकों को उनके अटूट समर्थन के लिए धन्यवाद। आगे नई चुनौतियों का इंतजार है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट हमेशा मेरे दिल में एक खास जगह रखेगा।"
आईपीएल में खेलेंगे अश्विन
रविचंद्रन अश्विन, जो अब तक 287 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं, ने हाल ही में अपने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। हालांकि, वह आईपीएल में अभी भी खेलते रहेंगे। आईपीएल 2025 के लिए चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने उन्हें 9.75 करोड़ रुपये में खरीदा है, जिससे वह 7 साल बाद फिर से सीएसके के साथ जुड़ेंगे।
अश्विन ने 2009 में आईपीएल में अपनी शुरुआत की थी, जब वह चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए खेले थे। इसके बाद उन्होंने राजस्थान रॉयल्स (RR), रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) जैसी टीमों के लिए भी खेला। अब आईपीएल 2025 में एक बार फिर सीएसके में उनकी वापसी हो रही है और यह उनके लिए एक नई चुनौती होगी।
अश्विन का अंतराष्ट्रीय करियर
रविचंद्रन अश्विन ने अपने करियर में अद्वितीय उपलब्धियां हासिल की हैं। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 106 मैचों में 537 विकेट लिए हैं, जो उनकी शानदार गेंदबाजी का प्रमाण हैं। उन्होंने 37 बार पांच विकेट हॉल और 8 बार मैच में 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी बनाया है, जो एक बेहतरीन स्पिन गेंदबाज के रूप में उनकी ख्याति को और मजबूत करता हैं।
वनडे क्रिकेट में भी अश्विन का प्रदर्शन शानदार रहा, जहां उन्होंने 156 विकेट हासिल किए। टी20 क्रिकेट में उन्होंने 72 विकेट लिए, जो एक स्पिनर के लिए एक बड़ा आंकड़ा है। अश्विन का बेस्ट बॉलिंग स्ट्राइक रेट 50.7 रहा, जो 200+ विकेट लेने वाले गेंदबाजों के लिए काफी प्रभावशाली है। इसके साथ ही, वह सबसे ज्यादा "प्लेयर ऑफ द सीरीज" अवॉर्ड्स (11) जीतने में मुथैया मुरलीधरन के बराबर हैं, जो उनकी निरंतरता और प्रभावशीलता को दर्शाता हैं।
अश्विन केवल गेंदबाज ही नहीं, बल्कि बल्लेबाज के तौर पर भी काफी प्रभावी रहे हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 3503 रन बनाए हैं और कुल 6 टेस्ट शतक भी लगाए हैं, जो उनके हरफनमौला क्षमता को साबित करता हैं।
अश्विन भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों की तरह की संन्यास की घोषणा
भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों ने कई बार संन्यास की घोषणा की है, और कुछ ने तो अपनी विदाई सीरीज के बीच में ही ली। रविचंद्रन अश्विन का संन्यास भी उसी लिस्ट में जुड़ता है, क्योंकि उन्होंने अचानक बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के दौरान इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा। लेकिन इस तरह के संन्यास की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, और भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कुछ और दिग्गज भी हैं जिन्होंने सीरीज के बीच में ही अपने टेस्ट क्रिकेट करियर को खत्म किया।
* अनिल कुंबले (2008): भारतीय क्रिकेट के महानतम स्पिनर्स में से एक, अनिल कुंबले ने 2008 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था। वह अपने करियर के दौरान बहुत प्रभावशाली रहे थे और भारत के प्रमुख गेंदबाजों में से एक थे।
* सौरव गांगुली (2008): सौरव गांगुली ने 2008 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को अपनी कप्तानी में नई दिशा दी थी, और उनका योगदान बहुत अहम था।
* राहुल द्रविड़ (2011-12): 'द वॉल' के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ ने 2011-12 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था। उन्होंने भारतीय क्रिकेट में सबसे लंबी पारी खेलने का रिकॉर्ड भी बनाया और अपनी बल्लेबाजी से टीम को कई जीत दिलाई।
* वीवीएस लक्ष्मण (2012): वीवीएस लक्ष्मण ने 2012 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया। वह भारतीय क्रिकेट के बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक थे और उनकी बैटिंग तकनीक को आज भी सराहा जाता है।
* वीरेंद्र सहवाग (2013): वीरेंद्र सहवाग ने 2013 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया। वह अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए प्रसिद्ध थे और भारतीय क्रिकेट में एक नई शैली लेकर आए थे।
* एमएस धोनी (2014): महेंद्र सिंह धोनी ने 2014 में अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया। उनकी कप्तानी और खेल की रणनीतियों ने भारत को कई बड़े मुकाबलों में जीत दिलाई। उनका संन्यास भारतीय क्रिकेट जगत के लिए एक बड़ा झटका था।