भारत ने दक्षिण कोरिया के गुमी शहर में 27 से 31 मई 2025 के बीच होने वाली एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए 59 सदस्यीय मजबूत टीम की घोषणा कर दी है। इस टीम में देश के कई शीर्ष एथलीटों को जगह मिली है, हालांकि कुछ चर्चित नाम इस सूची में शामिल नहीं हैं।
Asian Athletics Championship 2025: भारत ने दक्षिण कोरिया में होने वाली एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए 59 सदस्यीय मजबूत टीम की घोषणा कर दी है। इस टीम में कोच्चि में संपन्न हुए फेडरेशन कप में शानदार प्रदर्शन करने वाले लगभग सभी एथलीटों को शामिल किया गया है। हालांकि, भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेंगे।
नीरज ने आखिरी बार 2017 में भुवनेश्वर में आयोजित एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लिया था, जहां उन्होंने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। इसके बाद से नीरज का ध्यान मुख्य रूप से डायमंड लीग, विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक जैसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं पर केंद्रित रहा है।
नीरज की अनुपस्थिति पहले से तय थी
नीरज चोपड़ा ने 2017 में भुवनेश्वर में हुए एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। उसके बाद से उन्होंने इस टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है। यह फैसला भी उनकी तैयारी की रणनीति का हिस्सा है। 2025 के सीजन में नीरज का पूरा फोकस डायमंड लीग सीरीज और सितंबर में प्रस्तावित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप पर है।
इसके अलावा, वे 24 मई को बेंगलुरु में आयोजित होने वाले एनसी क्लासिक थ्रो मीट की मेजबानी भी करेंगे। ऐसे में एशियाई चैंपियनशिप में उनकी गैरमौजूदगी आश्चर्यजनक नहीं है। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) ने हाल ही में कोच्चि में आयोजित फेडरेशन कप में खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर टीम का चयन किया है। इस प्रतियोगिता में दमदार प्रदर्शन करने वाले लगभग सभी एथलीटों को दक्षिण कोरिया की यात्रा का टिकट मिला है।
तेजिंदरपाल सिंह तूर और मीणा को झटका
भाला फेंक के अलावा भारत को गोला फेंक (शॉटपुट) में भी बड़ा झटका लगा है। पिछली एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले और राष्ट्रीय रिकॉर्डधारक तेजिंदरपाल सिंह तूर को इस बार टीम में जगह नहीं दी गई है। फेडरेशन कप में उनका प्रदर्शन अपेक्षा से कम रहा और वह दूसरे स्थान पर रहे। इसी कारण उन्हें टीम से बाहर रखा गया।
इसी तरह, पोल वॉल्ट में राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी देव कुमार मीणा को भी टीम से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने हाल ही में अपने रिकॉर्ड में सुधार किया था, लेकिन एएफआई द्वारा निर्धारित पात्रता स्तर (क्वालिफाइंग स्टैंडर्ड) तक नहीं पहुंच पाने की वजह से वह टीम का हिस्सा नहीं बन सके।
साबले, पारुल और गुलवीर की वापसी
भारत के दिग्गज स्टीपलचेज़ धावक अविनाश साबले, महिला स्टीपलचेज़ स्टार पारुल चौधरी और लंबी दूरी के धावक गुलवीर सिंह को टीम में शामिल किया गया है। हालांकि ये तीनों फेडरेशन कप में भाग नहीं ले पाए थे क्योंकि वे एएफआई की अनुमति से विदेश में प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्धा कर रहे थे। लेकिन उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर की फॉर्म और फिटनेस को देखते हुए उन्हें सीधे टीम में शामिल किया गया।
रिकॉर्डधारियों को मिला इनाम
इस बार की टीम में उन खिलाड़ियों को खास वरीयता दी गई है, जिन्होंने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर रिकॉर्ड बनाए या उनकी बराबरी की।
- अनिमेष कुजूर, जिन्होंने 200 मीटर दौड़ में नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया, टीम में शामिल किए गए हैं।
- त्रिकूद (ट्रिपल जंप) में प्रवीण चित्रावेल, जिन्होंने फेडरेशन कप के दौरान अपने ही रिकॉर्ड की बराबरी की, को भी मौका मिला है।
- महिलाओं की भाला फेंक स्पर्धा में अन्नू रानी ने मार्च में इंडियन ओपन थ्रो मीट में 58.82 मीटर का प्रयास किया था, जिसके आधार पर उन्हें भी टीम में शामिल किया गया है।
विविध स्पर्धाओं में संतुलित प्रतिनिधित्व
टीम में पुरुषों और महिलाओं दोनों की ओर से ट्रैक और फील्ड इवेंट्स के लिए अच्छा संतुलन रखा गया है। दौड़, लंबी दूरी, स्टीपलचेज़, कूद, थ्रो जैसी सभी स्पर्धाओं में भारत के पास प्रतिस्पर्धी खिलाड़ी हैं। इस बार की टीम को देखते हुए कहा जा सकता है कि भारत का लक्ष्य सिर्फ पदक जीतना नहीं बल्कि टॉप 3 में स्थान बनाना है।
नीरज चोपड़ा और तेजिंदरपाल जैसे खिलाड़ियों की अनुपस्थिति को यदि रणनीतिक नजरिए से देखा जाए, तो यह भारतीय एथलेटिक्स की दीर्घकालिक योजना का हिस्सा भी है। विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक जैसे मंचों के लिए फिटनेस और पीक परफॉर्मेंस सुनिश्चित करने के लिए कुछ खिलाड़ियों को विश्राम दिया जाना जरूरी है।