Bajrang Punia: नाडा की कार्रवाई के बाद भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने दिया बड़ा बयान, कहा- 'मेरे लिए यह प्रतिबंध चौंकाने वाला नहीं है'

Bajrang Punia: नाडा की कार्रवाई के बाद भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने दिया बड़ा बयान, कहा- 'मेरे लिए यह प्रतिबंध चौंकाने वाला नहीं है'
Last Updated: 2 घंटा पहले

बजरंग पूनिया ने नाडा (नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी) द्वारा लिए गए नमूने को लेकर कहा कि यह चौंकाने वाली बात नहीं है, क्योंकि यह ट्रायल का मुद्दा पिछले एक साल से चल रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने नाडा को नमूना देने से इनकार नहीं किया था और पहले भी यह बात कह चुके हैं।

स्पोर्ट्स न्यूज़: बजरंग पूनिया, जो कि टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता हैं, पर मंगलवार को राष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी (नाडा) द्वारा चार साल का प्रतिबंध लगाया गया है। यह प्रतिबंध 23 अप्रैल 2024 से प्रभावी होगा और अगले चार वर्षों तक जारी रहेगा। इस दौरान वे किसी भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग नहीं ले पाएंगे।

नाडा की इस कार्रवाई के बाद, बजरंग पूनिया ने अपना बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए चौंकाने वाली बात नहीं है, क्योंकि यह ट्रायल का मुद्दा पिछले एक साल से चल रहा था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी नाडा को नमूना देने से इनकार नहीं किया था।

पहलवान बजरंग पूनिया ने बयान में कहा 

बजरंग पूनिया ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि नाडा द्वारा उन पर लगाए गए चार साल के प्रतिबंध को लेकर उन्हें कोई चौंकाने वाली बात नहीं लगी, क्योंकि यह ट्रायल का मुद्दा पिछले एक साल से चल रहा था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने नाडा को नमूना देने से इनकार नहीं किया था। बजरंग ने बताया कि दिसंबर 2023 में जब नाडा के अधिकारी उनके घर डोप टेस्ट करने के लिए आए, तो वे एक्सपायरी किट लेकर आए थे। 

उन्होंने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाया था और कहा, "आप किसी भी खिलाड़ी को एक्सपायरी किट नहीं दे सकते। मेरी टीम भी वहां मौजूद थी और उन्होंने किट की जांच की। वे 2020, 2021, 2022 की एक्सपायरी किट लेकर आए थे।" बजरंग ने यह भी बताया कि उन्होंने अपना यूरिन नमूना तो दिया, लेकिन बाद में उनकी टीम ने किट की जांच की और पाया कि वह एक्सपायर हो चुकी थी। इसके बाद, उन्होंने नाडा को एक वीडियो भेजा और गलती के बारे में सूचित किया, लेकिन नाडा ने अपनी गलती स्वीकार नहीं की।

बजरंग पूनिया ने अपने खिलाफ नाडा द्वारा लगाए गए चार साल के प्रतिबंध के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि यह कार्रवाई सरकार द्वारा उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में की गई है। उनका कहना था कि यह कदम उन पर भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे धरने में उनके योगदान का बदला लेने के लिए उठाया गया हैं।

बजरंग ने कहा, "मैं पिछले 10-12 वर्षों से प्रतिस्पर्धा कर रहा हूं और सभी टूर्नामेंटों और भारत शिविरों के दौरान मैंने अपना नमूना पेश किया है। लेकिन सरकार का उद्देश्य हमें तोड़ना है, हमें उनके सामने झुकाना हैं।"

क्या है मामला?

बजरंग पूनिया पर लगे चार साल के प्रतिबंध को लेकर विनीत ढांढा की अगुआई वाले पैनल ने 17 पेज का निर्णय जारी किया, जिसमें यह कहा गया कि बजरंग ने नाडा के नियम 2.3 के तहत प्रतिबंध झेला। इस नियम के अंतर्गत उन पर डोप सैंपल देने से मना करने का आरोप था। पैनल ने 30 सितंबर और 4 अक्टूबर को वर्चुअल सुनवाई के बाद इस फैसले को अंतिम रूप दिया।

नाडा ने 23 अप्रैल 2024 को बजरंग पूनिया पर सोनीपत में हुए ट्रायल के दौरान डोप सैंपल देने से मना करने का आरोप लगाते हुए उन्हें अस्थायी प्रतिबंधित किया था। हालांकि, यह अस्थायी प्रतिबंध बाद में हटा लिया गया था। लेकिन, 21 जून को नाडा ने उन्हें एक और नोटिस जारी करते हुए फिर से अस्थायी प्रतिबंध लगाए।

नाडा के अनुसार, 10 मार्च को हुए ट्रायल में डोप कंट्रोल ऑफिसर (DCO) ने बजरंग से सैंपल देने को कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। इसके जवाब में बजरंग ने कहा कि नाडा ने पहले एक्सपायर किट से उनका सैंपल लिया था, जिसके बारे में उन्होंने ईमेल के जरिए शिकायत की थी। बजरंग का कहना था कि जब तक नाडा उनका ईमेल का जवाब नहीं देता, वह अगला सैंपल नहीं देंगे।

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