पेरिस ओलिंपिक्स 2024 का आज आखरी दिन हैं, लेकिन भारत का सफर बीतें रात पहलवान रितिका की हार के साथ समाप्त हो गया। भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन तोक्यो ओलम्पिक के मुकाबले इस साल ज्यादा अच्छा रहा। विनेश फोगाट ने तीन महान रेसलरों को हराकर फाइनल में जगह बनाई, लेकिन जयदा वजन के कारण मुकाबले में अयोग्य घोषित हो गई।
स्पोर्ट्स न्यूज़: पदकों की संख्या और उनके रंग के लिहाज से पेरिस ओलिंपिक्स में भारत का प्रदर्शन तोक्यो ओलंपिक 2020 के मुकाबले फीका रहा है, लेकिन खिलाडियों का संघर्ष इस बार पहले से काफी ज्यादा निखरा है। तोक्यो में भारत ने एक गोल्ड मेडल के साथ कुल सात पदक जीते थे, लेकिन इस बार एक सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज के साथ कुल छह पदक ही जीत पाया हैं।
विनेश फोगाट फ़ाइनल मुकाबे से हुई अयोग्य घोषित
पेरिस ओलंपिक 2024 की सबसे चमकदार कहानी विनेश फोगाट के साथ घटित हुई। उन्होंने एक ही दिन में तीन महान रेसलरों को हराकर फाइनल में जगह बनाई। ऐसा करके उसने नया कीर्तिमान हासिल कर लिया। लेकिन फाइनल मुकाबले से पहले मात्र 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण मुकाबले से अयोग्य घोषित हो गई। फोगाट का व्यक्तित्व और संघर्ष ऐसी मशाल बन गया हैं कि वह खिलाड़ियों के साथ देश की हर लड़की को ताकत और प्रेरणा देता रहेगा।
नीरज ने हासिल किया सिल्वर मेडल
तोक्यो ओलिंपिक्स में गोल्ड मेडलिस्ट रहे मे नीरज चोपड़ा इस बार सिल्वर पदक हासिल किया है, लेकिन इनके प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ हैं। तोक्यो में उन्होंने 87.58 मीटर की दूरी पर भाला फेंक कर गोल्ड जीता और अब 89.45 मीटर तक भाला फेंककर सिल्वर मेडल पर कब्जा किया है। पाकिस्तान के खिलाडी अरशद नदीम ने 92.97 मीटर दूर भाला फेंक कर नया ओलिपिंक्स रेकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल जीता हैं। इस मुकाबले के बाद नीरज ने अरशद की बहुत तारीफ की और नीरज की मां ने नतीजों पर खुशी जताते हुए कहां कि गोल्ड जीतने वाला अरशद नदीम भी नीरज की तरह उनका ही बच्चा हैं।
भारत ने शूटिंग में हासिल किए तीन पदक
शूटिंग में भारतीय खिलाडी मनु भाकर ने पेरिस ओलिंपिक्स में दो पदक जीतकर नया मुकाम हासिल किया। उन्होंने दूसरा ब्रॉन्ज सरबजोत सिंह के साथ मिलकर जीता। मनु की यह उपलब्धि बहुत महत्वपूर्ण है, क्योकि तोक्यो ओलिंपिक्स में पिस्टल खराब होने के कारण मनु कुछ खास प्रदर्शन नही कर पाई थीं। इनके अलावा शूटिंग में स्वप्निल कुसाले ने भी कमाल करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता है। उन्होंने तमाम आर्थिक दिक्कतों का सामना करते हुए खेल में अच्छा प्रदर्शन किया।
हॉकी टीम का लगातर दूसरा पदक
भारतीय हॉकी टीम ने तोक्यो के बाद लगातार दूसरा ओलिपिंक्स ब्रॉन्ज मेडल जीतकर कीर्तिमान रच दिया। भारतीय खिलाड़ियों ने इन मुकाबलों में शानदार भावना का प्रदर्शन किया। भारत के लिए 15 में से 10 गोल दागने वाले कप्तान हरमनप्रीत सिंह और हॉकी से जीत के साथ संन्यास लेने वाले अप्रतिम गोलकीपर श्रीजेश ने खेलप्रेमियों का दिल जीत लिया। सभी खिलाडियों का पेरिस ओलिंपिक्स में प्रदर्शन देखकर हमारा अनुभव भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता हैं।