CNAP: टेलीकॉम विभाग ने एयरटेल, बीएसएनएल, जियो और वोडाफोन आइडिया जैसी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे कॉलर आईडी नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा को जल्द से जल्द शुरू करें। यह नई सेवा ग्राहकों को कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम सीधे उनके फोन पर प्रदर्शित करेगी, जिससे वे धोखाधड़ी करने वाले कॉलर्स से सुरक्षित रह सकेंगे। टेलीकॉम विभाग का मानना है कि यह कदम कॉल धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने में मददगार साबित होगा और उपभोक्ताओं को ज्यादा सुरक्षित बनाएगा।
CNAP सेवा कैसे करेगा यह काम?
CNAP एक ऐसी तकनीक है, जिससे कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम आपके फोन की स्क्रीन पर दिखाई देगा। इसका मुख्य उद्देश्य है कि लोग आसानी से पहचान सकें कि कॉल करने वाला व्यक्ति कौन है, जिससे धोखाधड़ी करने वालों को पहचानने में मदद मिलेगी। इस सेवा के जरिए ग्राहकों को यह जानकारी होगी कि उनका कॉल किससे आ रहा है, ताकि वे किसी संदिग्ध कॉल से बच सकें। फिलहाल, इस सेवा का परीक्षण पिछले एक साल से किया जा रहा है और अब इसे जल्द लागू करने का निर्णय लिया गया हैं।
कौन से उपयोगकर्ता पाएंगे इसका लाभ?
टेलीकॉम विभाग के अनुसार, CNAP सेवा का लाभ केवल स्मार्टफोन यूजर्स को मिलेगा। 2G फोन उपयोगकर्ताओं के लिए यह सेवा उपलब्ध नहीं होगी। यह सेवा लागू होने पर, उपयोगकर्ताओं को कॉल करने वाले का नाम उनके स्मार्टफोन की स्क्रीन पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा, जिससे वे अपनी सुरक्षा के लिए बेहतर निर्णय ले सकेंगे। इस नई सेवा से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि लोग फर्जी कॉल्स से बच सकेंगे, जिनमें धोखाधड़ी की संभावना अधिक होती हैं।
टेलीकॉम विभाग की बैठक और भविष्य की दिशा
ईटी टेलीकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते टेलीकॉम विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों के साथ एक बैठक की थी, जिसमें उन्होंने CNAP सेवा की जल्द शुरूआत के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात की। इस बैठक में टेलीकॉम विभाग ने कंपनियों से अनुरोध किया कि वे अपनी सेवाओं को अपडेट करें और इस नई सेवा का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं।
इसके अलावा, एक और महत्वपूर्ण पहल हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने की है, जिसमें बिना आधार कार्ड के वेरिफिकेशन के नए सिम कार्ड जारी करने पर रोक लगाने की बात कही गई है। यह कदम धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए सिम कार्ड प्राप्त करने पर रोक लगाएगा और इससे कॉल धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आएगी।
CNAP और ट्रूकलर जैसी ऐप्स के बीच अंतर
वर्तमान में, कई ऐप्स जैसे Truecaller और Bharat Caller ID & Anti Spam लोगों को कॉलर के नाम की जानकारी प्रदान करते हैं। हालांकि, इन ऐप्स की जानकारी हमेशा सही नहीं होती, क्योंकि ये एप्लिकेशन उपयोगकर्ताओं से जानकारी लेकर काम करते हैं। दूसरी तरफ, CNAP सेवा टेलीकॉम कंपनियों के KYC (Know Your Customer) डेटा से जुड़ी होगी, जिससे कॉल करने वाले का नाम हमेशा सही और प्रमाणित होगा।
TRAI की सिफारिशें
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने CNAP सेवा के लिए कुछ सिफारिशें की हैं, जिनके तहत कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम उसके सिम कार्ड के KYC दस्तावेज़ों में दर्ज नाम के अनुसार दिखाई देगा। इसका मतलब है कि अब उपभोक्ता को कॉल करने वाले का सही नाम और उसकी पहचान की जानकारी उनके फोन पर सही तरीके से दिखेगी। यह उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुरक्षित और विश्वसनीय सेवा साबित होगी, जो असली कॉल और फर्जी कॉल के बीच अंतर करने में मदद करेगी।
CNAP सेवा से जुड़े फायदे
• सुरक्षा में सुधार: धोखाधड़ी करने वाले कॉलर्स को पहचानने में मदद मिलेगी, जिससे उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचने का मौका मिलेगा।
• स्मार्टफोन यूजर्स के लिए सुविधा: स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं को सीधे उनकी स्क्रीन पर कॉल करने वाले का नाम दिखाई देगा।
• फर्जी कॉल्स पर रोक: यह सेवा फर्जी कॉल्स को पहचानने में मदद करेगी, खासकर उन कॉल्स को जो धोखाधड़ी के उद्देश्य से किए जाते हैं।
• टेलीकॉम कंपनियों के लिए नई जिम्मेदारी: कंपनियों को अपने KYC डेटा के जरिए सेवा को सटीक बनाना होगा, ताकि कॉल करने वाले का नाम सही और प्रमाणित हो।
क्यों जरूरी है CNAP का लागू होना?
टेलीकॉम विभाग का यह कदम एक अहम सुरक्षा पहल है। यह उपयोगकर्ताओं को न केवल धोखाधड़ी से बचाएगा बल्कि उपभोक्ता और सेवा प्रदाता के बीच विश्वास को भी मजबूत करेगा। जैसे-जैसे स्मार्टफोन और डिजिटल तकनीक की दुनिया में तेजी से बदलाव आ रहे हैं, ऐसे में यह कदम उपभोक्ताओं की सुरक्षा और विश्वास को बनाए रखने के लिए जरूरी हो गया था।
अब, जब CNAP सेवा पूरी तरह से लागू हो जाएगी, तो यह एक बड़ा बदलाव लाएगी, जिससे कॉलिंग का अनुभव और भी सुरक्षित और प्रभावी हो सकेगा। इस सेवा की शुरुआत से ग्राहकों को निश्चित रूप से बड़ा फायदा होगा।