Success Story:  IIT गोल्ड मेडलिस्ट से IAS अफसर बनने तक की यात्रा – विदेश में स्कॉलरशिप के बाद मिली बड़ी सफलता

Success Story:  IIT गोल्ड मेडलिस्ट से IAS अफसर बनने तक की यात्रा – विदेश में स्कॉलरशिप के बाद मिली बड़ी सफलता
Last Updated: 3 घंटा पहले

Success Story: पटना की रहने वाली जुफिशान हक ने 2023 में यूपीएससी की संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में 34वीं रैंक हासिल कर एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया। उन्होंने यह साबित किया कि कठिन मेहनत और सही दिशा में प्रयास करने से किसी भी मंजिल को प्राप्त किया जा सकता है। जुफिशान उस समय भारतीय राजस्व सेवा (IRS) की प्रशिक्षु अधिकारी थीं और अपने उत्कृष्ट प्रयासों के कारण अब भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए चयनित हो गई हैं।

जुफिशान हक की शैक्षिक पृष्ठभूमि

जुफिशान हक का जन्म सिक्किम के गंगटोक में हुआ था, जहां उनके पिता महफूजुल हक एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य थे। अपनी प्रारंभिक शिक्षा में ही उन्होंने उच्च प्रदर्शन किया था और सीबीएससी बोर्ड से 10वीं और 12वीं की परीक्षा में राज्य टॉपर रही थीं। इसके बाद उन्होंने आईआईटी पटना से बीटेक की डिग्री प्राप्त की और बाद में एम.टेक की डिग्री में गोल्ड मेडल भी जीता।

विदेशी शोध में मिली सफलता की शुरुआत

अपने शैक्षिक जीवन में कुछ नया करने की चाहत ने जुफिशान को जर्मनी में शोध करने का अवसर दिलवाया। यहां उन्हें स्कॉलरशिप मिली थी, जिसके तहत उन्होंने एक महीने तक जर्मनी में शोध कार्य किया। जर्मनी में शोध के दौरान उन्होंने अपनी सोच को विस्तृत किया और इस अनुभव ने उन्हें सिविल सेवा की तैयारी की दिशा में प्रेरित किया।

सिविल सेवा में चुनौती और सफलता का रास्ता

जुफिशान ने अपनी सिविल सेवा परीक्षा की यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि यह उनका चौथा प्रयास था। पिछली बार उन्हें 193वीं रैंक प्राप्त हुई थी और उन्हें IRS में चयन मिला था। इस बार उन्होंने 34वीं रैंक प्राप्त की और IAS में चयनित हो गईं। जुफिशान का मानना है कि सफलता सिर्फ रैंक पर निर्भर नहीं करती, बल्कि यह उस यात्रा का परिणाम है जो आपने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए तय की हैं।

यूपीएससी की तैयारी के लिए रणनीति

जुफिशान हक ने अपनी सफलता के बारे में बात करते हुए छात्रों को कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दी हैं। उनका कहना है कि छात्रों को सबसे पहले यूपीएससी के पाठ्यक्रम को बारीकी से देखना चाहिए और उसके अनुसार ही अपनी तैयारी की रणनीति बनानी चाहिए। सही दिशा में मेहनत करने से सफलता सुनिश्चित हो सकती हैं।

उन्होंने बताया कि यूपीएससी के लिए कोई शॉर्टकट नहीं है, बल्कि इसके लिए निरंतर और समर्पित प्रयास करना जरूरी है। उनका मानना है कि अगर छात्र एक या दो साल तक ईमानदारी से मेहनत करते हैं तो यह परीक्षा पास करना मुश्किल नहीं होगा।

पुनरावलोकन पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता

जुफिशान का सुझाव है कि ज्यादा किताबों के बजाय, छात्रों को उन्हीं किताबों को बार-बार पढ़ना चाहिए जिनसे उन्हें सबसे अधिक लाभ हो। उन्होंने यह भी कहा कि तैयारी के दौरान विभिन्न स्रोतों से जानकारी जुटाने से बेहतर है कि आप जो कुछ भी पढ़ते हैं उसे अच्छे से समझें और उसका पुनरावलोकन करें।

परिवार का समर्थन और सही मार्गदर्शन

उनका कहना है कि सफलता के पीछे सिर्फ मेहनत नहीं बल्कि परिवार का समर्थन और सही मार्गदर्शन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उनका परिवार और शिक्षक हमेशा उनके साथ थे, और उनके समर्थन ने उन्हें इस कठिन यात्रा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

सफलता का संदेश

जुफिशान ने छात्रों को संदेश दिया कि अगर आप पूरी मेहनत और ईमानदारी से अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं, तो कोई भी कठिनाई आपके रास्ते में रुकावट नहीं बन सकती। उनके लिए सफलता का मतलब केवल परीक्षा की सफलता नहीं, बल्कि उस यात्रा से मिलने वाले अनुभव और शिक्षा भी है जो आपके विकास को आकार देती हैं।

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