Digital Arrest: डिजिटल अरेस्ट, एक नई तरह की साइबर धोखाधड़ी है जो दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस धोखाधड़ी में स्कैमर्स व्यक्ति को झांसे में डालकर उसे मानसिक और आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं। खास बात यह है कि इस स्कैम का शिकार सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि इन्फ्लुएंसर और सेलेब्रिटी भी हो रहे हैं।
सोशल मीडिया पर लोकप्रिय इन्फ्लुएंसर अंकुश बहुगुणा ने हाल ही में इस डिजिटल अरेस्ट का शिकार होने का खुलासा किया, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है। इस घटना से यह साफ होता है कि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार के धोखाधड़ी से बच नहीं सकता है, चाहे वह कितना भी सजग क्यों न हो।
अंकुश बहुगुणा का डिजिटल अरेस्ट का अनुभव
इन्फ्लुएंसर अंकुश बहुगुणा ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया। उन्होंने बताया कि कैसे स्कैमर्स ने उन्हें लगभग 40 घंटों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। अंकुश के मुताबिक, यह सब एक साधारण कॉल से शुरू हुआ था। एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से उन्हें पैकेज डिलीवरी का कॉल आया, जिसे उन्होंने बिना सोचे समझे उठा लिया। इस कॉल ने उनकी पूरी जिंदगी को प्रभावित कर दिया, और वह एक बड़ी मुसीबत में फंस गए।
कैसे हुआ अंकुश को डिजिटल अरेस्ट का शिकार?
अंकुश ने बताया कि पैकेज के बारे में कॉल करने के बाद उन्हें सूचित किया गया कि कस्टम विभाग ने उनका पैकेज अवैध सामान के कारण जब्त कर लिया है। इसके बाद, उन्हें एक दूसरे कॉल पर जोड़ा गया, जिसमें कहा गया कि इस मामले को सुलझाने के लिए उन्हें पुलिस से बात करनी होगी। अंकुश घबराहट में आ गए और उन्होंने पुलिस अधिकारी से वीडियो कॉल पर बात की। वीडियो कॉल पर एक शख्स जो पुलिस अधिकारी जैसा दिख रहा था, ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी और अन्य गंभीर अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया।
40 घंटों की मानसिक परेशानी
अंकुश ने बताया कि इस दौरान उन्हें पूरी तरह से अकेला कर दिया गया। उन्हें यह धमकी दी गई कि अगर उन्होंने किसी से बात की, तो उनका सामना और भी बड़ी समस्याओं से होगा। परिवार और दोस्तों से संपर्क करने की अनुमति नहीं थी। डिजिटल अरेस्ट के दौरान, अंकुश को मानसिक दबाव में रखा गया, और उन्हें यह विश्वास दिलाया गया कि इस दौरान की गई कोई भी बात उनके खिलाफ उपयोग की जा सकती हैं।
दोस्तों की मदद से मिली जानकारी
अंकुश ने कहा कि इस दौरान उनके दोस्तों को उनकी स्थिति कुछ अजीब लगी। शुरुआत में, उन्होंने दोस्तों से कहा कि वह बिजी थे और इस कारण सोशल मीडिया पर कम एक्टिव थे। लेकिन कुछ समय बाद, उनके एक दोस्त ने बताया कि यह पूरी घटना डिजिटल अरेस्ट नामक एक नए प्रकार के स्कैम का हिस्सा हो सकती है। इस जानकारी के बाद अंकुश ने इस स्कैम से बाहर निकलने का रास्ता खोजा और इसके बारे में लोगों को जागरूक किया।
डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें?
• सावधान रहें और अज्ञात कॉल से बचें: अगर कोई अंतरराष्ट्रीय नंबर से कॉल आता है, तो उसे रिसीव करने से पहले सोचें।
• संदिग्ध पुलिस या सरकारी कॉल पर ध्यान न दें: किसी भी पुलिस या सरकारी अधिकारी से संबंधित कॉल पर अगर कोई अपमानजनक सवाल पूछे जाएं, तो पहले अपने नजदीकी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएं।
• संदिग्ध लिंक और मैसेज से बचें: कभी भी किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और न ही व्यक्तिगत जानकारी साझा करें।
• परिवार और दोस्तों से संपर्क बनाए रखें: अगर आप अजीब महसूस करें, तो परिवार या दोस्तों से संपर्क करें और उन्हें पूरी स्थिति बताएं।
अंकुश बहुगुणा का संदेश
अंकुश बहुगुणा ने इस अनुभव को साझा कर लोगों को डिजिटल अरेस्ट और साइबर धोखाधड़ी के बारे में सचेत किया। उन्होंने अपने फैंस से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि से दूर रहें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा का ध्यान रखें। साथ ही, अंकुश ने यह भी कहा कि अगर आप इस तरह के धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो तुरंत किसी विश्वासपात्र से संपर्क करें और घटना की रिपोर्ट दर्ज कराएं।
डिजिटल अरेस्ट एक गंभीर समस्या बन गई है, जो न केवल आम नागरिकों बल्कि मशहूर हस्तियों को भी प्रभावित कर रही है। अंकुश बहुगुणा के साथ घटी यह घटना इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि हम कितने भी सतर्क क्यों न हों, एक छोटी सी चूक हमें इस धोखाधड़ी का शिकार बना सकती है। इसलिए, हमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज से बचने के उपायों को अपनाना चाहिए।