आरबीआई ने नया ब्याज दर मानक 'Secured Overnight Rupee Rate' (SORR) लागू करने का निर्णय लिया है, जो सेक्योर्ड मनी मार्केट, बैस्केट रेपो और ट्रिपार्टी रेपो (TREP) पर आधारित होगा, ताकि कोलेटरल मनी मार्केट सही ढंग से दर्शाया जा सके।
Benchmark Rates: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक अहम कदम उठाते हुए 'Secured Overnight Rupee Rate' (SORR) को नया ब्याज दर मानक घोषित किया है। यह कदम, गिरवी रखे गए पैसों के बढ़ते बाजार के महत्व को ध्यान में रखते हुए, भारत के मौजूदा ब्याज दर मानकों की विश्वसनीयता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
MIBOR की जगह SORR को मिलेगा स्थान
SORR, जो अब तक चल रहे मुंबई इंटरबैंक आउटराइट रेट (MIBOR) की जगह लेगा, और साथ ही सरकारी बांडों के रेपो बाजार पर भी आधारित होगा। यह कदम वैश्विक मनी मार्केट के बदलावों को देखते हुए लिया गया है, जिनमें गिरवी रखे गए पैसों के बाजारों का बढ़ता महत्व प्रमुख है। MIBOR का 1998 से उपयोग हो रहा था और अब RBI के इस नए कदम के बाद, यह खत्म हो जाएगा।
'SORR' का नया कैलकुलेशन तरीका
SORR का कैलकुलेशन बैस्केट रेपो और ट्रिपार्टी रेपो (TREP) पर आधारित होगा, जो पहले तीन घंटों में किया जाएगा, जबकि MIBOR के कैलकुलेशन में कॉल मनी रेट्स का एक घंटे में गणना किया जाता था। RBI ने इस बदलाव के लिए फाइनेंशियल बेंचमार्क्स इंडिया लिमिटेड (FBIL) को निर्देश दिया है।
ग्लोबल मानकों से तालमेल
लंदन इंटरबैंक ऑफर्ड रेट (LIBOR) के बंद होने के बाद, भारत ने SORR को अपनाया है, जैसा कि अन्य देशों ने अपने-अपने बेंचमार्क्स को अपनाया है, जैसे अमेरिका में SOFR और स्विट्ज़रलैंड में SARON। यह कदम वैश्विक वित्तीय प्रणाली में हो रहे बदलावों के मद्देनज़र है।
विशेषज्ञों का कहना
CSB बैंक के प्रबंध निदेशक प्रलय मंडल के अनुसार, SORR एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह न केवल नियामक दरों को बल्कि बाजार की भावना को भी सही ढंग से दर्शाता है। यह कदम भारतीय ब्याज दर बेंचमार्क्स को और अधिक मजबूत बनाएगा और जोखिम को कम करेगा।
MIBOR की समीक्षा से मिली सिफारिशें
आरबीआई द्वारा गठित एक समिति ने MIBOR की समीक्षा की और नए बेंचमार्क की आवश्यकता पर विचार किया। समिति ने बताया कि सरकारी बांडों पर आधारित रेपो बाजार का 98% हिस्सा है, जो इसे कॉल मनी मार्केट की तुलना में अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण बनाता है।
बेंचमार्क के लिए नए रास्ते
समिति ने ब्याज दर डेरिवेटिव्स के लिए SORR को सबसे उपयुक्त मानते हुए कहा कि यह अधिक मजबूत और जोखिम मुक्त होगा। इसके अलावा, मनी मार्केट के सभी प्रतिभागियों को नए बेंचमार्क के अनुसार व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं को उपयुक्त मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया मिल सके।
समिति ने यह भी माना कि कॉल मनी दरों पर आधारित बेंचमार्क, जो मौद्रिक नीति संचालन के लिए होते हैं, कुछ डेरिवेटिव्स के लिए उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन SORR को बेहतर समझा गया है।