भारतीय बाजारों में हालिया गिरावट के पीछे विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बड़ी भूमिका है। 'भारत बेचो, चाइना खरीदो' के स्लोगन के तहत FII लगातार बिकवाली कर रहे हैं, जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है।
FII Selling: पिछले कुछ दिनों से भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट देखी जा रही है। निफ्टी, जो सितंबर 2024 में अपने ऑल-टाइम हाई पर था, अब 10% तक गिर चुका है। हालांकि, कुछ पुलबैक की कोशिशें हुई हैं, लेकिन रिकवरी के बाद भी सेल-ऑफ की स्थिति बनी हुई है।
एफआईआई का भारतीय बाजार पर बना दबाव
भारतीय बाजारों में हो रही गिरावट के पीछे विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की महत्वपूर्ण भूमिका है। 'भारत बेचो, चीन खरीदो' के नजरिए के साथ, एफआईआई लगातार भारतीय शेयरों की बिक्री कर रहे हैं। ऐसे में, उन्होंने october महीने में लगभग 94,017 करोड़ रुपये के स्टॉक बेचे, और नवंबर में भी यही सिलसिला जारी है।
नवंबर में भी बिकवाली जारी
FII एफआईआई ने November के पहले 6 कारोबारी में लगभग 23,398 करोड़ रुपये की इन्वेस्ट की है। NSDL के आंकड़ों के मुताबिक, FII अब तक 19,994 करोड़ रुपये के नेट सेलर्स रहे हैं, और शुक्रवार को 3,404 करोड़ रुपये की और बिकवाली की गई। ऐसे में यह सवाल उठता है कि रिटेल निवेशक और डीआईआई इस लगातार बिकवाली को कब तक सहन कर पाएंगे।
एफआईआई की बिकवाली कब तक जारी रहेगी?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार का कहना है, "जब तक डेटा में ट्रेंड उलटने का कोई संकेत नहीं मिलता, एफआईआई की बिकवाली जारी रह सकती है। यदि तिमाही परिणाम और प्रमुख संकेतक सकारात्मक होते हैं, तो एफआईआई अपनी बिकवाली को कम कर सकते हैं और खरीदार बन सकते हैं, जिससे बाजार में सुधार देखने को मिल सकता है।"
अक्टूबर में जमकर बिकवाली
अक्टूबर में एफआईआई ने सबसे ज्यादा बिकवाली बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों में की, जिसकी राशि करीब 26,139 करोड़ रुपये रही। इसके बाद तेल और गैस शेयरों में 21,444 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई, साथ ही FMCG और ऑटो सेक्टर में भी बिकवाली देखी गई।