दिसंबर के पहले दो हफ्तों में विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में वापसी कर रहे हैं, जिन्होंने 22,766 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
FPI: शेयर बाजार में एक बार फिर निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ने लगी है। दिसंबर के शुरुआती दो हफ्तों में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 22,766 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिससे बाजार में सुधार की उम्मीदें बनी हुई हैं। अमेरिकी सेंट्रल बैंक यूएस फेड रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना पर लगाई गई उम्मीदों के बीच निवेशकों के बीच अतीत की बिकवाली के बाद वापस लौटने की प्रतिक्रिया सकारात्मक रूप से देखी जा रही है।
अक्टूबर में विदेशी निवेशकों की सबसे बड़ी बिकवाली
सितंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश 57,724 करोड़ रुपए के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन अक्टूबर में यह आंकड़ा रिकॉर्ड 94,017 करोड़ रुपए की बिकवाली में बदल गया। नवंबर में भी विदेशी निवेशकों ने 21,612 करोड़ रुपए की बिकवाली की, जिससे भारतीय शेयर बाजार में दबाव बढ़ गया था।
विदेशी निवेश का स्थिर दृष्टिकोण
अभी भी विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार की ओर पूर्ण रूप से रुझान नहीं है। वे अमेरिकी राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य, और फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति पर ध्यान दे रहे हैं। भविष्य में, यह भारतीय कंपनियों की बैलेंस शीट और आर्थिक विकास के आकलन पर निर्भर करेगा कि बाजार की प्रवृत्ति कैसे आकार लेती है और विदेशी निवेशक किस प्रकार की प्रतिक्रिया दिखाते हैं।
भारत के लिए ग्रोथ मार्केट की स्थिति
विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही विदेशी निवेश में उतार-चढ़ाव हो रहा हो, भारत का महत्व एक मजबूत ग्रोथ मार्केट के रूप में बना हुआ है। रिजर्व बैंक ने भी कैश रिजर्व की मात्रा को कम करके पूंजी के प्रवाह को बढ़ाने का प्रयास किया है। इसके साथ ही, नवंबर में महंगाई दर में गिरावट और बाजार की स्थिरता निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ा रही है।
इस समय भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की वापसी के लिए एक अनुकूल माहौल बनता हुआ प्रतीत होता है। निवेशकों की यह प्रतिक्रिया दर्शाती है कि बाजार में विश्वास फिर से बहाल हो रहा है और अच्छे रिटर्न की संभावनाओं के साथ यह स्थिति आने वाले समय में निवेश के अनुकूल बनी रह सकती है।