बहुचर्चित Waaree Energies के शेयरों की लिस्टिंग के बाद गुरुवार, 7 नवंबर को पहली बार गिरावट देखने को मिली है। आज निवेशकों द्वारा भारी मुनाफा बुकिंग के चलते यह शेयर लगभग 8 प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। इस स्थिति ने बाजार में हलचल पैदा कर दी है, जहां निवेशक अपनी स्थिति को पुनः समीक्षित कर रहे हैं।
नई दिल्ली: शेयर बाजार में हाल ही में लिस्ट हुई Waaree Energies के शेयरों में गुरुवार, 7 नवंबर 2024 को भारी गिरावट देखी गई। हालाँकि, कंपनी ने लिस्टिंग के बाद एक महत्वपूर्ण ऑर्डर प्राप्त किया था। इसके बावजूद, शेयरों में बिकवाली का सिलसिला जारी रहा। कंपनी ने एक प्रमुख ग्राहक से 180 मेगावॉट तक के मॉड्यूल की आपूर्ति का आदेश प्राप्त किया था। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी कि मॉड्यूल की आपूर्ति इसी महीने के अंतिम सप्ताह से शुरू होगी औ यह परियोजना वित्तीय वर्ष 2025 की अंतिम या चौथी तिमाही में पूरी होगी।
लगभग 8 फीसदी की गिरावट
वारी एनर्जीज के शेयर गुरुवार को पिछले बंद के मुकाबले 3636.60 रुपये से गिरकर 3,574 रुपये के स्तर पर खुले। इसके बाद कुछ समय बाद शेयर ने 3,315.20 रुपये का इंट्राडे लो लेवल प्राप्त किया, जो लगभग 8 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है। यह जानकारी दी गई है कि वारी एनर्जीज के शेयरों में लिस्टिंग के बाद यह पहली बार गिरावट देखी गई है, जिससे इसका मार्केट कैपिटल 1 लाख करोड़ रुपये से घटकर 96.35 हजार करोड़ रुपये रह गया है।
28 अक्टूबर को लिस्ट हुए थे शेयर
वारि एनर्जीज के शेयर 28 अक्टूबर 2024 को शेयर बाजार में प्रवेश कर चुके थे। इस दौरान, ये अपने आईपीओ इश्यू प्राइस 1,503 से लगभग 70 प्रतिशत प्रीमियम पर, 2,550 के स्तर पर लिस्ट हुए थे। इसके बाद, पिछले एक सप्ताह में इसमें लगातार तेजी देखी गई और ये लिस्टिंग के बाद लगभग 50 प्रतिशत ऊँचा उठ गए थे। हालांकि, आज शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
आईपीओ को मिला निवेशकों का मजबूत समर्थन
ज्ञात हो कि इस कंपनी ने 4,321 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए निवेशकों से जबरदस्त समर्थन प्राप्त किया, जिसके अंतर्गत 2.41 लाख करोड़ रुपये की बोली लगाई गई थी। इसके लिए 97.34 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे वारी एनर्जीज सोलर पीवी मॉड्यूल की सबसे बड़ी निर्माता है, जिसकी कुल स्थापित क्षमता जून 2024 तक 12 गीगावॉट होने की उम्मीद है। वित्तीय वर्ष 2024 के लिए, कंपनी ने भारत में सभी घरेलू सोलर पीवी मॉड्यूल निर्माताओं के बीच संचालन से दूसरी सबसे अधिक राजस्व दर्ज किया है।