फरवरी के पहले सप्ताह में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार से 7,342 करोड़ रुपये निकाले। वैश्विक व्यापार तनाव, डॉलर इंडेक्स में मजबूती और कमजोर रुपये के कारण बिकवाली जारी है।
FPI: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भारतीय शेयर बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी है। अमेरिका द्वारा कनाडा, मेक्सिको और चीन जैसे देशों पर शुल्क लगाने से वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ा है, जिसके चलते विदेशी निवेशकों ने फरवरी के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों से 7,342 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। इससे पहले जनवरी में एफपीआई ने भारतीय बाजारों से 78,027 करोड़ रुपये की भारी निकासी की थी।
दिसंबर 2024 में हुआ था एफपीआई का निवेश
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया था। लेकिन व्यापार युद्ध की आशंका और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों से अपना पैसा निकाल रहे हैं।
कमजोर रुपये से निवेशकों की बढ़ी चिंता
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि एफपीआई की निकासी का प्रमुख कारण व्यापारिक तनाव के अलावा भारतीय रुपये की कमजोरी भी है। रुपया पहली बार 87 प्रति डॉलर के नीचे आ गया है, जिससे विदेशी निवेशकों का प्रतिफल घट रहा है और भारतीय संपत्तियां कम आकर्षक लग रही हैं।
अमेरिकी डॉलर और बॉन्ड प्रतिफल का प्रभाव
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने बताया कि डॉलर इंडेक्स में मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि भी एफपीआई की बिकवाली का कारण है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे चलकर डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में नरमी आएगी, जिससे एफपीआई की बिकवाली में कमी आ सकती है।
दिल्ली चुनाव के नतीजों का बाजार पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत लघु अवधि में बाजार के लिए सकारात्मक हो सकती है। हालांकि, मध्यम और दीर्घावधि में बाजार का रुख आर्थिक वृद्धि और कंपनियों की आमदनी पर निर्भर करेगा।
बॉन्ड बाजार में एफपीआई की लिवाली जारी
समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में निवेश जारी रखा है। इस दौरान उन्होंने बॉन्ड में साधारण सीमा के तहत 1,215 करोड़ रुपये और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 277 करोड़ रुपये का निवेश किया। 2024 में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में केवल 427 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 1.71 लाख करोड़ रुपये था।