बाजार में सब्जियों की कीमतों में कोई राहत नहीं मिल रही है। हरी सब्जियों और टमाटर के दाम अभी भी उच्चतम स्तर पर बने हुए हैं। फेस्टिव सीजन के खत्म होने के बाद भी इनकी कीमतों में गिरावट नहीं आई है, जिससे आम जनता को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। अब प्याज के बाद लहसुन की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल आ चुका है।
Vegetable Price: महंगाई का असर फेस्टिव सीजन के बाद भी जारी है। जहां आम जनता को उम्मीद थी कि त्योहारी सीजन के बाद महंगाई में कुछ राहत मिलेगी, वहीं बाजार में इसके उलट स्थिति बनी हुई है। हरी सब्जियों और टमाटर की कीमतों में थोड़ी नरमी आई है, लेकिन ये अभी भी उच्चतम स्तर पर बने हुए हैं। इसके अलावा, प्याज के दाम फिर से बढ़ गए हैं और अब लहसुन की कीमतों में भी जबरदस्त तेजी देखी जा रही है।
सब्जियों की कीमतों में उछाल
क्रिसिल की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर महीने में सब्जियों के दाम में हुई बढ़ोतरी के कारण वेज और नॉन-वेज थाली दोनों की कीमतें महंगी हो गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, वेज थाली की कीमत एक साल पहले की तुलना में 20% बढ़कर 33.3 रुपये प्रति प्लेट हो गई है, जबकि नॉन-वेज थाली की कीमत 5.11% बढ़कर 61.6 रुपये प्रति प्लेट हो गई है। इस बढ़ती महंगाई के मद्देनज़र, 12 और 14 नवंबर को आने वाले महंगाई के आंकड़ों को लेकर लोग यह अनुमान लगा रहे हैं कि अक्टूबर में महंगाई ने कोई नया रिकॉर्ड तोड़ दिया होगा।
लहसुन की कीमतों में और वृद्धि की संभावना
देश के कई बाजारों में लहसुन की कीमत 500 रुपये प्रति किलो तक पहुँच चुकी है, जबकि कुछ महीने पहले यह केवल 100 से 150 रुपये प्रति किलो बिकता था। लहसुन की कीमतों में और बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है, जिसके कारण कई लोग अब लहसुन खरीदने से बच रहे हैं, और इसके चलते अनाज मंडियों में इसकी बिक्री में कमी आ रही है।
राजस्थान के निम्बाहेड़ा कृषि उपज मंडी में लहसुन की सीधी खरीद पर 91,101 रुपये प्रति क्विंटल की बोली लगी, जो अब तक की सबसे महंगी बोली रही है। किसानों का मानना है कि आने वाले समय में लहसुन की कीमतें और भी बढ़ सकती हैं।
लहसुन महंगा क्यों हो रहा है?
हर साल सर्दियों में लहसुन की मांग में वृद्धि हो जाती है। इसके अलावा, जब लहसुन की बुआई होती है, तो पुराने लहसुन की सप्लाई कम हो जाती है। जब किसी वस्तु की डिमांड ज्यादा होती है और सप्लाई कम, तो उसके दाम बढ़ने लगते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि जब तक बाजार में नया लहसुन नहीं आएगा, तब तक कीमतों में गिरावट की उम्मीद नहीं है।
प्याज भी आया उछाल
मिली जानकारी के अनुसार, प्याज की कीमतों में अभी तक कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है। देश के कई थोक बाजारों में प्याज की कीमत 70 से 80 रुपये प्रति किलो के बीच है। दिल्ली में 8 नवंबर 2024 को प्याज की कीमत करीब 80 रुपये प्रति किलो थी।