Tulsi Vivah 2024: जानें कब है तुलसी विवाह, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, सांस्कृतिक महत्व

Tulsi Vivah 2024: जानें कब है तुलसी विवाह, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, सांस्कृतिक महत्व
Last Updated: 1 दिन पहले

तुलसी विवाह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और शुभ अवसर है, जिसे कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु

और तुलसी माता के विवाह का प्रतीकात्मक आयोजन होता है। यह दिन विशेष रूप से गृहस्थों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे विवाह के मौसम की शुरुआत मानी जाती है। 2024 में, तुलसी विवाह 13 नवंबर को मनाया जाएगा।

आइए, जानते हैं तुलसी विवाह 2024 की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में

तुलसी विवाह 2024: तिथि और शुभ मुहूर्त

तुलसी विवाह की तिथि: 13 नवंबर 2024

शुभ मुहूर्त

पूजा का सही समय: शाम 5:49 बजे से रात 8:25 बजे तक

कार्तिक मास की द्वादशी तिथि का प्रारंभ: 12 नवंबर, 2024 शाम 5:49 बजे से

द्वादशी तिथि का समापन: 13 नवंबर, 2024, रात 8:25 बजे तक

तुलसी विवाह की पूजा विधि

तुलसी विवाह की पूजा विधि बहुत सरल और प्रभावशाली है। इस दिन का आयोजन बहुत श्रद्धा और आस्था के साथ किया जाता है, ताकि घर में सुख, शांति, समृद्धि और सौभाग्य का वास हो। इस दिन की पूजा विधि इस प्रकार है:

तुलसी के पौधे की सफाई और सजावट: सबसे पहले तुलसी के पौधे को अच्छे से साफ करें और उसे सजाएं। आप इसे कुछ रंगीन कपड़े, फूलों और आभूषणों से सजा सकते हैं, जैसे कि एक दुल्हन को सजाया जाता है।

पवित्र स्नान और तैयारियां: पूजा से पहले पवित्र स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें। इस दिन शुद्धता और पवित्रता का विशेष महत्व है, इसलिए ध्यान रखें कि पूजा स्थल भी स्वच्छ और पवित्र हो।

तुलसी के पौधे की परिक्रमा: तुलसी के पौधे के चारों ओर तीन या सात परिक्रमा करें और उसे प्रणाम करें। परिक्रमा करते समय भगवान विष्णु या भगवान श्री कृष्ण का स्मरण करें।

गंगाजल का छिड़काव: तुलसी के पौधे पर गंगाजल छिड़कें, जिससे पूजा की शुद्धता बनी रहती है।

धूप, दीप और कपूर: तुलसी के पौधे के सामने एक दीपक जलाएं और साथ ही धूप भी जलाएं। यह पूजा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। 11 दीपक जलाने का विशेष महत्व है।

भगवान श्री कृष्ण या भगवान विष्णु की पूजा: तुलसी के पौधे के पास भगवान श्री कृष्ण या भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र रखें और उनका पूजन करें। तुलसी के पौधे को दुल्हन की तरह सजाकर उनका विवाह करें।

मिठाई और प्रसाद वितरण: तुलसी विवाह के दिन मिठाई और प्रसाद का वितरण करें। इस दिन विशेष रूप से मीठे पकवानों का भोग भगवान को अर्पित किया जाता है।

व्रत और पूजा का समापन: पूजा के अंत में व्रति तुलसी के पौधे के सामने दीप जलाकर व्रत का समापन करें।

तुलसी विवाह का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

तुलसी विवाह का धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व है। इसे भगवान श्री विष्णु और तुलसी माता का वैवाहिक समारोह माना जाता है। इस दिन का आयोजन घर में सुख-शांति, समृद्धि और सौभाग्य का संचार करने के लिए किया जाता है।

तुलसी के पौधे की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और घर में लक्ष्मी का वास होता है। इसे विशेष रूप से शादीशुदा महिलाओं के लिए शुभ माना जाता है, क्योंकि यह उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति का आशीर्वाद देता है।

तुलसी विवाह से जुड़ी मान्यताएं

सौभाग्य का आशीर्वाद

तुलसी विवाह के दिन यदि आप घर में तुलसी के पौधे की पूजा करते हैं, तो घर में सुख-शांति बनी रहती है। इसके साथ ही परिवार में समृद्धि भी आती है।

नया वैवाहिक जीवन

तुलसी विवाह का आयोजन नवविवाहित जोड़ों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इसे उनके जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना के रूप में मनाया जाता है।

पारिवारिक संबंधों में मजबूती

इस दिन घर के सभी सदस्यों को एक साथ लाकर पूजा करने से परिवार में सामूहिकता और प्रेम बढ़ता है, जो रिश्तों को मजबूत करता है।

तुलसी विवाह हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूरण पर्व है, जिसे घर के सभी सदस्य श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और तुलसी के विवाह का प्रतीकात्मक रूप से आयोजन कर हम अपने घर में सुख, शांति और समृद्धि ला सकते हैं।

तुलसी विवाह 2024 के शुभ अवसर पर इस पूजा विधि का पालन करके आप अपने घर और परिवार के लिए शुभता और समृद्धि की कामना कर सकते हैं।

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