गोवत्स द्वादशी 2024 में 28 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाती हैं। यह दिन विशेष रूप से माताओं द्वारा अपने पुत्रों के लिए सुख, समृद्धि और लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखने के लिए समर्पित है। इस दिन गाय माता और बछड़े की पूजा की जाती है। क्या आपको इस दिन की पूजा विधि या अन्य जानकारी चाहिए
गोवत्स द्वादशी का तिथि और शुभ मुहूर्त
गोवत्स द्वादशी 2024 की तिथि 28 अक्टूबर, सोमवार है। इस दिन का शुभ मुहूर्त शाम 05:39 बजे से 08:13 बजे तक रहेगा, जो 2 घंटे 34 मिनट की अवधि है। इस समय में पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।
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गोवत्स द्वादशी का महत्व
इस दिन गायों की पूजा करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। यह पर्व हमें पर्यावरण के प्रति जागरूकता और पशु प्रेम का संदेश भी देता है। गोवत्स द्वादशी पर गायों को अच्छे आहार और प्रेम से संभालने का महत्व है, जो हमें प्राकृतिक संसाधनों के प्रति जिम्मेदार बनने की प्रेरणा देता है।
पूजा विधि
गायों की सजावट: पूजा के दिन, गायों को अच्छे से स्नान कराकर उन पर रंग-बिरंगे कपड़े पहनाए जाते हैं। उनकी सजावट के लिए फूलों और रंगों का भी प्रयोग किया जाता है।
विशेष भोग: गायों को गुड़, चारा, हरी सब्जियाँ और अन्य पौष्टिक खाद्य सामग्री अर्पित की जाती है। इसे तैयार करने में माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य मिलकर काम करते हैं।
आरती और मंत्र: गायों की पूजा करते समय आरती की जाती है और विभिन्न मंत्रों का जाप किया जाता है। ये मंत्र गायों के प्रति हमारी श्रद्धा और प्यार को दर्शाते हैं।
दान का महत्व: इस दिन जरूरतमंदों को दान देने की परंपरा है, जिससे समाज में सहयोग और सहायता की भावना बढ़ती है।