हिंदू धर्म का एक प्रमुख और सबसे लोकप्रिय ग्रंथ है रामायण। यह न केवल एक ऐतिहासिक महाकाव्य है, बल्कि जीवन के हर मोड़ पर मार्गदर्शन देने वाली गहराई से भरी कथा है। रामायण को महर्षि वाल्मीकि ने संस्कृत में लिखा था, जिसे आदिकाव्य भी कहा जाता है। बाद में गोस्वामी तुलसीदास ने इसे अवधी भाषा में रामचरितमानस के रूप में रचा, जो आज भी लाखों घरों में श्रद्धा और भक्ति के साथ पढ़ा जाता है।
रामायण की सबसे खास बात है इसकी चौपाइयां। ये वो दोहों की शैली में लिखी पंक्तियां हैं, जिनमें जीवन, धर्म, नीति, भक्ति और ज्ञान का सार छिपा होता है। इन चौपाइयों का नियमित पाठ न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि हर मुश्किल समय में विश्वास और हिम्मत की नई रोशनी भी जगाता है।
मंगलकारी चौपाई: जहां से होता है शुभ का आरंभ
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रवहु सुदसरथ अचर बिहारी
यह चौपाई तुलसीदास के रामचरितमानस की सबसे पहचानी जाने वाली पंक्तियों में से एक है। इसका अर्थ है कि प्रभु श्रीराम केवल मंगलकारी हैं और अमंगल को हरने वाले हैं। जब भी कोई व्यक्ति दुख या डर की स्थिति में इस चौपाई का पाठ करता है, तो मन में उम्मीद की लौ जगती है।
हरि कथा की महिमा बताने वाली चौपाई
हरि अनंत हरि कथा अनंता
कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता
इस चौपाई में भगवान की महिमा और उनकी कथा की अनंतता का वर्णन किया गया है। रामकथा, या हरि कथा, हर किसी के लिए अलग-अलग अर्थ लिए होती है। संत, विद्वान और आमजन भी इसे सुनते हैं, समझते हैं और अपने-अपने अनुभवों से इसे आत्मसात करते हैं।
सत्संग और भगवान की कृपा का महत्व
बिनु सत्संग विवेक न होई
राम कृपा बिनु सुलभ न सोई
यह चौपाई बताती है कि अच्छा संग ही अच्छे विचार और विवेक को जन्म देता है। लेकिन यह सत्संग भी तभी संभव है जब भगवान की कृपा हो। यानी हर अच्छा मार्ग, हर ज्ञान का द्वार प्रभु की इच्छा से ही खुलता है।
संकट में सहारा देने वाली पंक्ति
दीन दयाल विरदु संभारी
हरहु नाथ मम संकट भारी
जब जीवन में कोई बड़ी कठिनाई आती है, तो यह चौपाई सहारा बनती है। इसमें भगवान को दीन-दुखियों का सहारा कहा गया है और उनसे अपने स्वभाव को याद कर भक्त की पीड़ा दूर करने की प्रार्थना की गई है।
नाम जप की सिद्धि दिलाने वाली चौपाई
साधक नाम जपहिं लय लाएं
होहि सिद्धि अनिमादिक पाएं
यह चौपाई बताती है कि जो साधक प्रभु का नाम लय और भक्ति के साथ जपता है, वह न केवल आत्मिक शांति को प्राप्त करता है, बल्कि उसे सिद्धि और अलौकिक लाभ भी मिलते हैं। यह नाम जप व्यक्ति के भीतर की ऊर्जा को जाग्रत करता है।
हनुमानजी की भक्ति से जुड़ी चौपाई
काटि सकल संकट मोहि
भजनु तव प्रिय लागे
यह चौपाई हनुमानजी की भक्ति में कही गई है। इसमें यह बताया गया है कि यदि किसी को भगवान का भजन प्रिय लगने लगे, तो उसके जीवन के सारे संकट अपने आप कट जाते हैं। यह चौपाई भक्तों को प्रभु भक्ति की ओर अग्रसर करती है।
राम का स्मरण करने वाली सरल चौपाई
राम नाम मनि दीप धरु
जीह देहरी द्वार
यह चौपाई बताती है कि राम का नाम एक दीपक के समान है, जिसे अपनी जुबान के द्वार पर जलाए रखना चाहिए। यानी हर समय प्रभु का नाम लेना चाहिए ताकि जीवन का अंधकार मिट सके।
भक्ति से मिलने वाला सुख
जेहि कें जसि बुधि दै प्रभु
तिन्ह करि मम पथ पावकु पावन
यह चौपाई इस बात का प्रमाण देती है कि भगवान हर किसी को उसकी समझ और श्रद्धा के अनुसार मार्ग दिखाते हैं। कोई चाहे जितना छोटा हो, लेकिन अगर भक्ति सच्ची है, तो प्रभु उसका मार्ग जरूर प्रशस्त करते हैं।
सुंदरकांड की प्रसंगवश कही गई प्रसिद्ध चौपाई
राम काज कीन्हे बिनु
मोहि कहां विश्राम
यह चौपाई हनुमानजी की उस भावना को दर्शाती है जिसमें वे कहते हैं कि जब तक प्रभु का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक वे विश्राम नहीं करेंगे। यह चौपाई प्रेरणा देती है कि जब तक जीवन का उद्देश्य पूरा न हो जाए, तब तक रुका नहीं जाना चाहिए।
रामराज्य की भावना वाली चौपाई
दैहि जाति न पूछिए
साधु कीजिए ज्ञान
यह चौपाई सामाजिक सद्भाव और समता का संदेश देती है। इसमें बताया गया है कि किसी की जाति नहीं, बल्कि उसके ज्ञान, आचरण और भक्ति को देखा जाना चाहिए।