मार्गशीर्ष माह (Margashirsha Month 2024) में जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। इस दौरान दान देना भी बहुत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सच्चे मन से उपासना करने से घर में सुख और शांति का वास होता है। इसके साथ ही, परिवार के सदस्यों के बीच वाद-विवाद की समस्याएं भी दूर होती हैं। इस माह में श्रद्धा के अनुसार दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के बाद मार्गशीर्ष का महीना आरंभ होता है। इस प्रकार, मार्गशीर्ष माह की शुरुआत आज, यानी 16 नवंबर से हो चुकी है। इसका समापन 15 दिसंबर को होगा। इस माह में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं, जैसे गणाधिप संकष्टी चतुर्थी, कालभैरव जयंती, विवाह पंचमी, गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी, जिनका विशेष महत्व है। आइए, हम मार्गशीर्ष के त्योहारों और व्रतों की तारीखों (Margashirsha 2024 Vrat List) के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मार्गशीर्ष 2024 व्रत और त्योहारों की पूरी लिस्ट
18 नवंबर – गणाधिप संकष्टी चतुर्थी
22 नवंबर – कालभैरव जयंती
23 नवंबर – कालाष्टमी
26 नवंबर – उत्पन्ना एकादशी (मार्गशीर्ष माह का कृष्ण पक्ष)
28 नवंबर – प्रदोष व्रत
29 नवंबर – मासिक शिवरात्रि
30 नवंबर – दर्श अमावस्या
06 दिसंबर – विवाह पंचमी
07 दिसंबर – चंपा षष्ठी
08 दिसंबर – भानु सप्तमी
11 दिसंबर – गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी
12 दिसंबर – मत्स्य द्वादशी
13 दिसंबर – प्रदोष व्रत (महादेव की पूजा संध्याकाल में)
14 दिसंबर – दत्तात्रेय जयंती
15 दिसंबर – धनु संक्रांति और मार्गशीर्ष पूर्णिमा
यह लिस्ट मार्गशीर्ष माह में मनाए जाने वाले प्रमुख व्रतों और त्योहारों की तारीखें देती है, जिन्हें धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा।
मार्गशीर्ष 2024 के प्रमुख पर्वों के शुभ मुहूर्त
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 नवंबर 2024 को शाम 06 बजकर 55 मिनट से प्रारंभ होकर 19 नवंबर 2024 को दोपहर 05 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। इस दिन गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 नवंबर को किया जाएगा, जिसमें विशेष रूप से गणेश जी की पूजा की जाती है। चन्द्रमा को अर्घ्य देने का महत्व इस दिन विशेष होता है, और चन्द्रोदय 18 नवंबर 2024 को शाम 07 बजकर 34 मिनट पर होगा।
उत्पन्ना एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 26 नवंबर 2024 को रात 01 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी, और इसका समापन 27 नवंबर 2024 को रात 03 बजकर 47 मिनट पर होगा। इस प्रकार, 26 नवंबर 2024 को उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा और उपवास के लिए महत्व रखता है।
विवाह पंचमी 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 05 दिसंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और 06 दिसंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि का महत्व होता है, इसलिए 06 दिसंबर 2024 को विवाह पंचमी मनाई जाएगी। यह दिन भगवान राम और माता सीता के विवाह के रूप में विशेष रूप से पूजा जाता है।