Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की होती है पूजा, सुख और समृद्धि के लिए लगाएं इन खास चीजों का भोग

Shardiya Navratri 2024: शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की होती है पूजा, सुख और समृद्धि के लिए लगाएं इन खास चीजों का भोग
Last Updated: 3 घंटा पहले

कुछ ही दिनों में आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2024) की शुरुआत हो रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पर्व 3 अक्टूबर से शुरू होगा। कहा जाता है कि इस दौरान श्रद्धा के साथ उपवास रखने और पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

 शारदीय नवरात्र के दौरान देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करने का विधान है।

शास्त्रों में देवी पूजा का विशेष महत्व है।

इस बार यह पर्व 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है।

हिंदू धर्म में नवरात्र का पर्व अत्यंत शुभ माना जाता है, जो मां दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। यह पर्व नौ दिनों तक चलता है और इसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष यह आश्विन माह में 3 अक्टूबर से प्रारंभ होगा और नवमी के दिन समाप्त होगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन नौ दिनों (Shardiya Navratri 2024) साधक देवी दुर्गा के 9 विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं, जिससे उनकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

शारदीय नवरात्रि 2024 की शुरुआत 10 अक्टूबर से होगी। इस दिन भक्त मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं, जो सुख, समृद्धि और शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री का ध्यान करना विशेष फलदायक होता है।

मां शैलपुत्री की पूजा विधि:

स्नान और शुद्धता: सबसे पहले स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।

पूजा स्थान की सजावट: पूजा स्थल को स्वच्छ करें और वहां देवी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।

आरती और मंत्र: मां शैलपुत्री की आरती करें और " शैलपुत्र्यै नमः" का जप करें।

भोग के लिए विशेष सामग्री:

साबूदाना: सुख-समृद्धि के लिए साबूदाने का भोग अति प्रिय है।

फलों का भोग: केला, सेब, और नारंगी जैसे ताजे फल अर्पित करें।

मां शैलपुत्री का प्रिय भोग:

मां शैलपुत्री की पूजा के दौरान विशेष रूप से निम्नलिखित भोग अर्पित किए जाते हैं:

साबूदाना: इसे खासतौर पर उपवास के दौरान भोग के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

फलों का भोग: केला, सेब, और नारंगी जैसे ताजे फल मां को अर्पित किए जाते हैं।

दही और दूध: मां को दही और दूध का भोग भी अति प्रिय है।

मीठी वस्तुएँ: जैसे लड्डू, बर्फी, और खीर, जो विशेष अवसरों पर तैयार की जाती हैं।

कुट्टू के आटे से बने पकवान: उपवास के दौरान बने भोग भी मां को अर्पित किए जाते हैं।

इन भोगों के साथ भक्तों को मां की कृपा प्राप्त होती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

मीठा भोग: दूध, दही, या मिठाई जैसे लड्डू या बर्फी अर्पित करें।

नैवेद्य: पत्ते में रखकर कुट्टू के आटे से बने पकवान भी प्रस्तुत करें।

विशेष ध्यान:

पूजा के दौरान मन में सकारात्मकता और श्रद्धा रखें।

मां से सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की प्रार्थना करें।

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की कृपा से आपके जीवन में खुशहाली और समृद्धि आएगी। इस पर्व को धूमधाम से मनाएं और देवी के आशीर्वाद का लाभ उठाएं!

शारदीय नवरात्र 2024 तिथि और समय

शारदीय नवरात्र 2024:

प्रारंभ तिथि: 3 अक्टूबर 2024 (प्रतिपदा तिथि)

समाप्ति तिथि: 11 अक्टूबर 2024 (नवमी तिथि)

इस दौरान भक्त देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करेंगे। नवरात्र के पहले दिन से लेकर नवमी तक, हर दिन विशेष रूप से एक स्वरूप की आराधना की जाएगी।

सभी भक्तों को नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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