हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इनमें से विजया एकादशी को अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और वह जीवन में सफलता एवं विजय प्राप्त करता है। इस वर्ष विजया एकादशी 24 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।
विजया एकादशी 2025: शुभ तिथि और महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष यह शुभ तिथि 24 फरवरी को दोपहर 01:44 बजे समाप्त होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने से साधक को सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
विजया एकादशी व्रत की महिमा
धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि विजया एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति को कई यज्ञों के समान पुण्यफल प्राप्त होता है। यह व्रत पितरों को मोक्ष प्रदान करने वाला और संतान की समृद्धि में सहायक माना जाता है। साथ ही, यह व्रत उन लोगों के लिए विशेष रूप से फलदायी होता है जो कठिन कार्यों में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं।
विजया एकादशी व्रत की पूजा विधि
• प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
• भगवान विष्णु की मूर्ति अथवा चित्र को पीले वस्त्र पहनाकर पूजा करें।
• धूप, दीप, नैवेद्य, तुलसी दल और पंचामृत से भगवान का अभिषेक करें।
• श्रीहरि को फल, मिठाई और पीले फूल अर्पित करें।
• दिनभर भगवान विष्णु के नाम-स्मरण और भजन-कीर्तन में लीन रहें।
• रात्रि जागरण करने से व्रत का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
• अगले दिन द्वादशी को ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देने के पश्चात व्रत का पारण करें।
विजया एकादशी व्रत में मंत्र जाप
• ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
• ॐ विष्णवे नमः।
• ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्।
विजया एकादशी की पौराणिक कथा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेता युग में जब भगवान श्रीराम लंका पर चढ़ाई करने के लिए समुद्र तट पर पहुंचे, तब उन्होंने समुद्र देवता से मार्ग देने की प्रार्थना की। परंतु समुद्र देव ने मार्ग नहीं दिया। तब श्रीराम ने वकदालभ्य मुनि की आज्ञा के अनुसार विधिपूर्वक विजया एकादशी का व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से समुद्र ने प्रभु राम को मार्ग प्रदान किया, जिससे वे लंका पहुंच सके और रावण पर विजय प्राप्त की। तभी से इस तिथि को विजया एकादशी के रूप में मनाया जाता है।
विजया एकादशी का व्रत अत्यंत पुण्यदायी और विजय प्राप्ति में सहायक माना जाता है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति से भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन की समस्त कठिनाइयां दूर होती हैं और व्यक्ति को विजय एवं समृद्धि प्राप्त होती है।