ओडिशा: जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षा को लेकर प्रशासन की सख्ती, गैर हिन्दुओं की एंट्री के बाद प्रशासन का प्लान तैयार

ओडिशा: जगन्नाथ मंदिर में सुरक्षा को लेकर प्रशासन की सख्ती, गैर हिन्दुओं की एंट्री के बाद प्रशासन का प्लान तैयार
Last Updated: 13 अप्रैल 2024

ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं की एंट्री करने के बाद मंदिर प्रशासन सतर्क हो गया है। सिंहद्वार में जगन्नाथ मंदिर में पुलिस के साथ प्रतिहारी सेवकों को सुरक्षा में तैनात करने के आदेश दिए हैं।

ओडिशा जगन्नाथ मंदिर: ओडिशा के प्रसिद्ध पुरी जगन्नाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं के बार-बार प्रवेश के बाद मंदिर प्रशासन अब सतर्क हो गया है। सिंहद्वार में जगन्नाथ टेंपल पुलिस (JTP) के साथ प्रतिहारी सेवकों को भी सुरक्षा में तैनात करने के आदेश जारी किए हैं। आदेशानुसार, रविवार 14 अप्रैल से सिंह द्वार पर प्रशासन की ओर से पहरा दिया जाएगा। बीते कुछ माह में गैर-हिंदुओं को मंदिर में एंट्री करते पकड़ा गया है। इसके बाद से मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर सख्ती दिखाई है।

प्रतिहारी सेवा को बंद कर दिया था

पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के एक सदस्य माधव महापात्र ने subkuz.com टीम को बताया कि पहले सिंह द्वार प्रतिहारी सेवा लगाई गई थी। श्रीमंदिर सत्वलिपी के पैरा-19 में इस सेवा का उल्लेख भी किया गया है। दरअसल, यह सेवा काफी समय से बंद थी। उसके बाद गैर-हिंदुओं का प्रवेश अक्सर देखने को मिल रहा है तो पिछली प्रबंध समिति की मीटिंग में इस पर चर्चा की गई थी। मीटिंग में सिंहद्वार प्रतिहारी सेवा को फिर से शुरू करने का प्रस्ताव रखा था।

14 अप्रैल से शुरू होगी प्रतिहारी सेवा

मिली जनकारी के अनुसार, मंदिर प्रबंधन समिति की मीटिंग में इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है। बता दें कि आगामी 14 अप्रैल से सुरक्षा के लिए सिंहद्वार में प्रतिहारी सेवकों को तैनात किया जाएगा। जिसके तहत शुरुआती चरण में 4 प्रतिहारी सेवक सिंहद्वार पर पहरा देंगे/सुरक्षा के लिए तैनात होंगे। इसके बाद दूसरे दरवाजे पर प्रतिहारी सेवकों को तैनात किया जाएगा।

क्यों की फिर से शुरुआत

मंदिर प्रबंधन समिति के सदी ने मिडिया को बताते हुए आगे कहा कि बीते दो महीनों में गैर-हिंदुओं को मंदिर में एंट्री करते पकड़ा गया हैं। कुछ दन पहले कुछ बांग्लादेशी मंदिर में प्रवेश कर गए। जिनसे पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। इसी दौरान इंग्लैंड का एक युवक मंदिर में घुस गया था। जो मंदिर में आव्रजित स्थान पस जाने का प्रयास कर रहा था। पुलिस द्वारा उसे रोकना चाहा तो उसने सेवादारों पर हमला कर दिया। आगे उन्होंने बताया कि इस तरह की घटनाएं बार-बार होने के कारन परबन्ध समिति को यह फैसला लेना पड़ा।

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