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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025: नारी सशक्तिकरण का संकल्प, समानता की ओर बढ़ता हर कदम

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2025) सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक संकल्प है—महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने, उनके संघर्षों को पहचानने और समानता की दिशा में ठोस प्रयास करने का. हर साल 8 मार्च को यह विशेष दिन दुनियाभर में महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है. लेकिन आखिर 8 मार्च को ही यह दिन क्यों मनाया जाता है? इस साल की थीम क्या है और इसका उद्देश्य क्या है? आइए जानते हैं इस खास दिन से जुड़ी हर अहम जानकारी.

महिला दिवस: कैसे हुई शुरुआत?

महिला दिवस की नींव 20वीं शताब्दी की शुरुआत में रखी गई थी. पहली बार यह दिन 28 फरवरी, 1909 को अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी द्वारा मनाया गया था. इसके बाद 1910 में कोपेनहेगन में हुई एक अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मेलन में इसे वैश्विक स्तर पर मान्यता देने का प्रस्ताव रखा गया. 1917 में रूस में महिलाओं ने हड़ताल की, जो एक बड़े राजनीतिक बदलाव की वजह बनी. यह विरोध प्रदर्शन 23 फरवरी को हुआ था, लेकिन ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह तारीख 8 मार्च थी. इसी के बाद इसे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता दी गई.

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने 1975 में पहली बार इसे आधिकारिक रूप से मनाया और 1977 में इसे ‘महिला अधिकार दिवस’ के रूप में घोषित किया गया. तब से लेकर अब तक यह दिन महिलाओं की स्थिति सुधारने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है.

महिला दिवस 2025 की थीम: 'Accelerate Action'

हर साल महिला दिवस को एक नई थीम के साथ मनाया जाता है, जो महिलाओं के अधिकारों और समानता के लिए एक दिशा निर्धारित करती है. 2024 में इसकी थीम 'Inspire Inclusion' थी, जिसने समावेशिता को बढ़ावा देने पर जोर दिया था. वहीं, 2025 की थीम ‘Accelerate Action’ है. इस थीम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों, अवसरों और समानता को तेजी से बढ़ावा देना है. इसका लक्ष्य महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार के भेदभाव और 
असमानता को समाप्त करने के प्रयासों को गति देना है.

महिला दिवस का महत्व: सिर्फ एक दिन नहीं, एक आंदोलन

महिला दिवस का महत्व सिर्फ एक दिन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक आंदोलन है, जो समाज को यह याद दिलाता है कि लैंगिक समानता अभी भी अधूरी है. यह दिन महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में समान अवसर देने की वकालत करता है. आज भी कई देशों में महिलाओं को पुरुषों के बराबर वेतन नहीं मिलता, वे निर्णय लेने की प्रक्रिया में पीछे रह जाती हैं और कई बार अपने अधिकारों से वंचित रह जाती हैं. इस दिन का उद्देश्य इन सभी असमानताओं के खिलाफ आवाज उठाना और बदलाव की दिशा में कार्य करना है.

कैसे मना सकते हैं महिला दिवस?

• महिलाओं को सम्मान दें: अपने घर, कार्यस्थल और समाज में महिलाओं की उपलब्धियों को पहचानें और उन्हें सराहें.
• अवेयरनेस बढ़ाएं: इस दिन पर महिलाओं के अधिकारों और उनकी उपलब्धियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सेमिनार, वर्कशॉप और पब्लिक इवेंट्स आयोजित किए जा सकते हैं.
• समाज में बदलाव लाएं: महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कार्यस्थलों पर समान वेतन, लचीली कार्यनीति और नेतृत्व के अवसरों को बढ़ाने की पहल की जा सकती है.
• सोशल मीडिया का उपयोग करें: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महिला दिवस से जुड़ी पोस्ट, कहानियां और प्रेरणादायक संदेश साझा करें.

महिला दिवस के लिए शुभकामनाएं

• "नारी शक्ति ही देश की सच्ची ताकत है. हर महिला को सम्मान और समानता मिले, यही हमारी शुभकामना है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक बधाई!"
• "हर महिला अपने आप में शक्ति, साहस और प्रेरणा का प्रतीक है. उनके योगदान को सलाम! महिला दिवस की शुभकामनाएं."
• "जब तक समाज में महिलाओं को समान अवसर नहीं मिलते, तब तक प्रगति अधूरी है. महिला दिवस के अवसर पर बदलाव की ओर कदम बढ़ाएं!"

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि महिलाओं के हक, उनके अधिकारों और उनकी पहचान को मान्यता देने का दिन है. इस साल की थीम 'Accelerate Action' हमें याद दिलाती है कि महिलाओं के लिए समानता की दिशा में प्रयासों को और तेज करना जरूरी है. आइए, इस महिला दिवस पर हम सभी संकल्प लें कि नारी सशक्तिकरण को सिर्फ एक दिन तक सीमित नहीं रखेंगे, बल्कि इसे अपने रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाएंगे.

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