भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दुनिया की सबसे सस्ती मंगल मिशन बनाने वाला संस्थान है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दुनिया की सबसे सस्ती मंगल मिशन बनाने वाला संस्थान है।
Last Updated: 21 सितंबर 2024

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिसने इसे विश्व स्तर पर एक प्रमुख स्थान दिलाया है।

 

चंद्रयान मिशन

चंद्रयान-1 (2008):

यह मिशन भारत का पहला चंद्र मिशन था।

इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि चंद्रमा की सतह पर जल के अणुओं की खोज करना था, जिसने चंद्रमा के भविष्य के अन्वेषण के लिए नई संभावनाएँ खोलीं।

चंद्रयान-1 ने चंद्रमा की 3D मानचित्रण की प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

चंद्रयान-2 (2019):

 

इस मिशन में तीन मुख्य तत्व शामिल थे: ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान)

ऑर्बिटर ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया और कई महत्वपूर्ण डेटा एकत्र किए, जिनमें चंद्रमा के भूगर्भीय और रासायनिक संरचना के बारे में जानकारी शामिल है।

विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर नरम लैंडिंग करने की कोशिश की, लेकिन यह सफल नहीं हो सका। फिर भी, इसने लैंडिंग के तकनीकी पहलुओं को समझने में मदद की।

 

मंगलयान मिशन (Mangalyaan)

मार्स ऑर्बिटर मिशन (2013):

ISRO ने इसे केवल 450 करोड़ रुपये में लॉन्च किया, जिससे यह सबसे कम खर्चीला मंगल मिशन बन गया।

यह मिशन 300 दिन की यात्रा के बाद 2014 में मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया, जिससे भारत पहले प्रयास में मंगल पर पहुँचने वाला पहला देश बना।

 

प्रमुख उपलब्धियाँ:

मंगलयान ने मंगल की सतह, उसके वायुमंडल और अन्य पहलुओं का अध्ययन करने के लिए विभिन्न वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग किया।

इससे प्राप्त डेटा ने मंगल के तापमान, मिट्टी के तत्वों और मौसम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की।

अन्य प्रमुख मिशन और कार्यक्रम

सैटेलाइट लॉन्च: ISRO ने कई सफल सैटेलाइट लॉन्च किए हैं, जैसे कि GSAT (संचार सैटेलाइट), IRS (इंडियन रिमोट सेंसिंग), और NAVIC (नैविगेशन सैटेलाइट), जो भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

 

गगन (GAGAN): यह एक GPS आधारित सैटेलाइट नैविगेशन प्रणाली है, जो हवाई परिवहन के लिए उच्चतम सटीकता प्रदान करती है।

IRNSS (इंडियन रीजनल NAVIGATION SATELLITE SYSTEM): यह एक स्वदेशी प्रणाली है, जो भारत और उसके आस-पास के क्षेत्रों में सटीक स्थिति जानकारी प्रदान करती है।

 

ISRO की वैश्विक पहचान

ISRO ने अपने कम लागत वाले, लेकिन उच्च प्रभाव वाले मिशनों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई है। इसकी सफलता ने अन्य देशों के अंतरिक्ष संगठनों को भी प्रेरित किया है, और आज ISRO केवल भारत बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक विश्वसनीय साझेदार बन गया है।

 

ISRO का लक्ष्य भविष्य में मानव अंतरिक्ष उड़ान, चंद्रमा और मंगल पर अधिक मिशनों को अंजाम देना है, जिससे अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की स्थिति और मजबूत हो सके। इसके निरंतर प्रयास और नवाचार भारत को एक अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में उभरने में मदद कर रहे हैं।

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