पौराणिक तथ्य: गंगा नदी को हिंदू धर्म में स्वर्ग से धरती पर लाई गई एक दिव्य नदी माना जाता है।

पौराणिक तथ्य: गंगा नदी को हिंदू धर्म में स्वर्ग से धरती पर लाई गई एक दिव्य नदी माना जाता है।
Last Updated: 21 सितंबर 2024

गंगा नदी को भारत में केवल एक प्राकृतिक धरोहर माना जाता है, बल्कि यह लाखों लोगों के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन का आधार भी है। इसे हिन्दू धर्म में विशेष रूप से पूजनीय माना जाता है और इसे "माँ गंगा" के रूप में भी संबोधित किया जाता है। गंगा नदी भारत और बांग्लादेश से होकर बहती है और इसकी कुल लंबाई लगभग 2,525 किलोमीटर है। यह हिमालय के गोमुख ग्लेशियर से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में जाकर समाप्त होती है।

 

सर्वाधिक पूजनीय नदी: गंगा को हिन्दू धर्म में मोक्ष प्राप्ति की नदी माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि गंगा के जल में स्नान करने से पापों का नाश होता है और आत्मा को शुद्धि प्राप्त होती है।

 

गंगा आरती: हरिद्वार और वाराणसी में प्रतिदिन शाम को गंगा आरती का आयोजन होता है, जिसमें हज़ारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। गंगा आरती एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें गंगा के प्रति श्रद्धा और भक्ति प्रकट की जाती है।

 

गंगा का सांस्कृतिक महत्व: गंगा के तट पर बसे कई प्रमुख शहर जैसे वाराणसी, हरिद्वार, प्रयागराज (इलाहाबाद) और कानपुर धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र हैं। वाराणसी को दुनिया के सबसे प्राचीन और सतत बस्तियों में से एक माना जाता है।

 

गंगा का उद्गम: गंगा नदी का उद्गम हिमालय के गोमुख ग्लेशियर से होता है, जहाँ से यह भागीरथी नाम से बहती है। देवप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलकर इसे गंगा नाम मिलता है।

 

गंगा सागर मेला: पश्चिम बंगाल के गंगा सागर में हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर लाखों श्रद्धालु गंगा नदी के संगम पर स्नान करने आते हैं। इसे भारत के यह सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक माना जाता है।

 

पर्यावरणीय चिंता: गंगा नदी प्रदूषण के संकट का सामना कर रही है। सरकार ने इस समस्या को हल करने के लिए "नमामि गंगे" जैसी योजनाएँ चलाई हैं, जिसका उद्देश्य गंगा की सफाई और संरक्षण करना है।

 

मृत्यु के बाद भी संबंध: हिन्दू धर्म में यह भी माना जाता है कि मृत्यु के बाद गंगा में अस्थियों का विसर्जन करने से आत्मा को मुक्ति प्राप्त होती है। वाराणसी में मणिकर्णिका घाट को विशेष रूप से मोक्ष प्राप्ति का स्थान माना जाता है।

 

जीव विविधता: गंगा नदी में पाई जाने वाली गंगा डॉल्फिन को "गंगा का तैरता रत्न" कहा जाता है। यह डॉल्फिन गंगा की जैव विविधता का महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन इसे संकटग्रस्त प्रजातियों में गिना जाता है।

 

विश्व की सबसे प्रदूषित नदियों में शामिल: गंगा के धार्मिक महत्व के बावजूद, यह दुनिया की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक है। इसमें औद्योगिक कचरा, धार्मिक अनुष्ठानों के बाद अवशेष और अन्य प्रदूषण सामग्री छोड़ी जाती है, जिससे इसका जल प्रदूषित हो गया है।

 

गंगा का धार्मिक महत्त्व: माना जाता है कि गंगा स्वर्ग से धरती पर उतरकर लोगों के पापों का नाश करती हैं। राजा भागीरथ ने गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए तप किया था, ताकि उनके पूर्वजों की आत्मा को मुक्ति मिल सके। यही कारण है कि गंगा को "भागीरथी" भी कहा जाता है।

 

गंगा केवल एक नदी है, बल्कि भारत की संस्कृति, धर्म और परंपराओं का अभिन्न हिस्सा है। इसकी धार्मिक महत्ता के कारण यह सदियों से भारतीय समाज में पूजनीय रही है।

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