आईआईटी खड़गपुर में आज यानी, 8 नवंबर से अंतरिक्ष तकनीक जागरूकता कैंप का आयोजन शुरू हो रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में अंतरिक्ष अन्वेषण और तकनीकी अनुसंधान के प्रति रुचि को बढ़ावा देना है। इसके तहत नेशनल स्टूडेंट्स स्पेस चैलेंज का आयोजन किया जाएगा, जो छात्रों के लिए अंतरिक्ष विज्ञान, रोबोटिक्स, सैटेलाइट टेक्नोलॉजी, और अन्य अंतरिक्ष से संबंधित तकनीकों में अपनी कौशल क्षमता को प्रदर्शित करने का एक मंच हैं।
कानपूर: युवाओं में अंतरिक्ष के प्रति रुचि को फिर से जगाने के उद्देश्य से आईआईटी खड़गपुर में "स्पेस टेक्नोलॉजी अवेयरनेस कैंप" का आयोजन किया जा रहा है। यह कैंप उन लोगों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो अंतरिक्ष के अन्वेषण और विज्ञान के क्षेत्र में कुछ अलग करने का सपना देखते हैं। आज के युवा भले ही बड़े होते-होते अपने सपनों को भूल जाते हैं, लेकिन अंतरिक्ष के प्रति उत्सुकता कुछ लोगों में हमेशा जीवित रहती हैं।
इस जागरूकता कैंप के माध्यम से, छात्रों को नेशनल स्टूडेंट्स स्पेस चैलेंज में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जहां वे अंतरिक्ष विज्ञान, सैटेलाइट तकनीक, और रोबोटिक्स जैसे विषयों में अपने कौशल को दिखा सकेंगे। यह कैंप न केवल अंतरिक्ष क्षेत्र में करियर बनाने की संभावनाओं को उजागर करेगा, बल्कि युवाओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचार की भावना को भी प्रोत्साहित करेगा।
कैंप का मकसद हैं युवाओं में अंतरिक्ष अन्वेषण की रुचि को पुन: जगाना
आईआईटी खड़गपुर में आयोजित होने वाला नेशनल स्टूडेंट्स स्पेस चैलेंज (एनएसएससी) एक अनोखा मंच है जो अंतरिक्ष में रुचि रखने वाले युवाओं को सीखने, अन्वेषण करने और प्रतिस्पर्धा करने का अवसर प्रदान करता है। इस चुनौती में अंतरिक्ष से संबंधित कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और प्रेरक अतिथि व्याख्यानों का आयोजन किया जाता है, जिससे प्रतिभागियों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जिज्ञासा और समझ को प्रोत्साहन मिलता हैं।
कार्यक्रम की विभिन्न गतिविधियों में अंतरिक्ष प्रश्नोत्तरी, एनएसएससी पेपर प्रेजेंटेशन, और केस स्टडी शामिल हैं, जो ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने की चुनौती पेश करते हैं। गणित में रुचि रखने वालों के लिए "कॉसमैथ" एक विशेष आकर्षण है, जहां वे अपने गणितीय कौशल का प्रदर्शन कर सकते हैं। कोडिंग में रुचि रखने वालों के लिए "एस्ट्रोबाइट" नामक एक प्रतिस्पर्धा है, जिसमें वे अंतरिक्ष और कोडिंग को जोड़ते हुए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं।
इसके अलावा, "पिच द कॉसमॉस" एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो प्रतिभागियों को नए विचार प्रस्तुत करने का अवसर देता है, जिनसे अंतरिक्ष के क्षेत्र में नवीनता और मानवता के भविष्य को आकार देने के लिए प्रोत्साहन मिलता है। तकनीकी चुनौतियों में "माज़रनर," "होवरपॉड," और "लिफ्टऑफ" जैसी प्रतिस्पर्धाओं के साथ-साथ "एगस्ट्रावगांजा" जैसी अनोखी प्रतियोगिता भी शामिल है, जिसमें प्रतिभागियों को इंजीनियरिंग और नवाचार के जरिए एक अंडे को सुरक्षित रूप से स्थानांतरित करने की चुनौती दी जाती हैं।
कैंप के दौरान 'टॉक शो' का भी होगा आयोजन
आईआईटी खड़गपुर में होने वाले इस अंतरिक्ष तकनीक जागरूकता कैंप के दौरान कई टॉक शो और अतिथि व्याख्यानों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें देश-विदेश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और खगोलविद अपने अनुभव और विशेषज्ञता साझा करेंगे। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में तपन मिश्रा, इसरो के पूर्व वैज्ञानिक और अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र तथा भौतिकी अनुसंधान प्रयोगशाला के पूर्व निदेशक शामिल होंगे।
साथ ही, खगोलशास्त्री अशीष महाबल (कैलटेक) और संदीप कुमार चक्रवर्ती (इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिलेटिविस्टिक एस्ट्रोफिजिक्स, इटली) के व्याख्यान होंगे, जो ब्रह्मांडीय रहस्यों और खगोल विज्ञान पर अपने विचार साझा करेंगे। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अब्राहम लोएब, जो ब्रह्मांडीय विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी माने जाते हैं, भी अपनी गहन जानकारी से छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे।
इनके अलावा, कौशिक भट्टाचार्जी का टॉक शो विज्ञान, अंतरिक्ष अन्वेषण, और प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति पर केंद्रित होगा। प्रो. अप्रतिम गांगुली भी इस अवसर पर जीडब्ल्यू (ग्रैविटेशनल वेव) विज्ञान पर एक कार्यशाला का आयोजन करेंगे, जो डेटा विश्लेषण में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए बहुत उपयोगी होगी।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में रुचि रखने वाले हर व्यक्ति को एक मंच प्रदान करना, जहां वे अपने कौशल और जिज्ञासा को आगे बढ़ा सकें। यह कैंप छात्रों और शोधकर्ताओं को न केवल ब्रह्मांडीय अन्वेषण में अपनी रुचि को पुनर्जीवित करने में सहायता करेगा बल्कि उन्हें भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों में योगदान देने के लिए भी प्रेरित करेगा।