11 मार्च 2025, यह दिन सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को हकीकत में बदलने का हौसला रखता है। राष्ट्रीय स्वप्न दिवस (National Dream Day) हमें याद दिलाता है कि कोई भी सपना छोटा नहीं होता और कोई भी बाधा इतनी बड़ी नहीं होती कि उसे पार न किया जा सके।
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय स्वप्न दिवस?
यह खास दिन "मिलेनियम मैन" कहे जाने वाले रॉबर्ट मुलर की प्रेरणा से मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के पूर्व सहायक महासचिव मुलर ने दुनिया को शांति, प्रेम और एक बेहतर भविष्य का सपना देखने के लिए प्रेरित किया। उनके विचारों ने इस दिन को जन्म दिया, जिसे खासतौर पर ड्रीम स्कूल फाउंडेशन ने बच्चों और युवाओं को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा देने के लिए शुरू किया था।
रॉबर्ट मुलर: एक सपना देखने वाले शख्सियत
1923 में बेल्जियम में जन्मे रॉबर्ट मुलर ने अपने जीवन में संघर्षों को करीब से देखा। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के कठिन दौर का सामना किया और शांति की आवश्यकता को गहराई से महसूस किया। 25 वर्ष की उम्र में वे संयुक्त राष्ट्र से जुड़े और 40 वर्षों तक दुनिया में शांति और विकास के लिए काम करते रहे। उन्होंने हजारों लेख लिखे, 14 पुस्तकें प्रकाशित कीं और "बेंच ऑफ ड्रीम्स" जैसी अद्भुत अवधारणाओं को जन्म दिया।
कैसे मनाएँ राष्ट्रीय स्वप्न दिवस?
• अपने सपनों को लिखें: आज का दिन अपने सपनों पर सोचने और उन्हें कागज पर उतारने का है। लिखने से सपनों को हकीकत में बदलने का रास्ता बनता है।
• सपनों की बेंच पर जाएँ: अगर आप कोस्टा रिका में हैं, तो माउंट रासुर की तलहटी में स्थित "बेंच ऑफ ड्रीम्स" पर जरूर जाएँ। यह वह जगह है जहाँ रॉबर्ट मुलर ने लोगों को अपने सपनों पर विश्वास करने के लिए प्रेरित किया।
• अपने समुदाय में "ड्रीम बेंच" बनाएं: अगर कोस्टा रिका जाना संभव नहीं, तो अपने इलाके में ऐसी एक सपनों की बेंच बनाइए, जहाँ लोग बैठकर अपने लक्ष्यों और सपनों पर सोच सकें।
• अपनी पसंद का सपना पूरा करने का पहला कदम उठाएँ: चाहे आपका सपना कोई कला सीखना हो, एक किताब लिखना हो या कोई बिजनेस शुरू करना हो – आज ही पहला कदम उठाइए!
सपनों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
• लगभग 12% लोग काले और सफेद सपने देखते हैं।
• जानवर भी इंसानों की तरह सपने देखते हैं।
• जब हम सपने देखते हैं, तो हमारा दिमाग जागने की तुलना में ज्यादा सक्रिय होता है।
• अंधे लोग भी सपने में छवियाँ देख सकते हैं।
सपने देखने वालों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश
रॉबर्ट मुलर ने साबित किया कि एक सपना सिर्फ कल्पना नहीं होती, बल्कि वह भविष्य की नींव होती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हम जो सोच सकते हैं, उसे पूरा भी कर सकते हैं। बस जरूरत है विश्वास, मेहनत और दृढ़ निश्चय की। तो इस राष्ट्रीय स्वप्न दिवस पर अपने सपनों की उड़ान को नई ऊँचाई दें, क्योंकि हर सपना साकार होने के लिए ही होता है।