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कॉपर के चमत्कारी फायदे: हड्डियों को मजबूत और स्किन को निखारने वाला जरूरी मिनरल

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तांबा (Copper) शरीर के लिए एक बेहद जरूरी मिनरल है, जो हड्डियों की मजबूती, स्किन की चमक और इम्यूनिटी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। कॉपर की कमी से एनीमिया, हड्डियों की कमजोरी और त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। सही आहार और तांबे के बर्तन में रखा पानी पीकर इसकी जरूरत पूरी की जा सकती है। यह लेख कॉपर के फायदे, स्रोत और सेवन के सही तरीकों पर रोशनी डालता है।

कॉपर क्यों है शरीर के लिए अनमोल?

कॉपर यानी तांबा, एक ऐसा मिनरल है जिसे हमारा शरीर खुद नहीं बना सकता। मगर यह शरीर की कई अहम प्रक्रियाओं में जरूरी होता है, जैसे खून बनाना, हड्डियों को मजबूत करना, टिशूज की मरम्मत और स्किन की रंगत सुधारना। इसकी कमी से कमजोरी, रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट और स्किन प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।

स्किन की खूबसूरती में कॉपर की अहम भूमिका

कॉपर स्किन में रंग देने वाले मेलानिन के उत्पादन में मदद करता है। इसकी सही मात्रा त्वचा को निखारती है और हाइपोपिग्मेंटेशन (त्वचा का रंग हल्का पड़ना) की समस्या से बचाती है। साथ ही यह स्किन पर होने वाले एक्ने, एग्जिमा और सोरायसिस जैसी समस्याओं को भी कम करने में सहायक है। कॉपर, जिंक और आयरन जैसे मिनरल्स मिलकर त्वचा की सेहत को संपूर्ण रूप से बेहतर बनाते हैं।

एनीमिया और कमजोर इम्यूनिटी से लड़ता है कॉपर

शरीर में खून की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कॉपर बेहद जरूरी है। यह हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है, जो शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन पहुंचाता है। अगर शरीर में कॉपर की कमी हो जाए तो एनीमिया (खून की कमी) की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, कॉपर व्हाइट ब्लड सेल्स के निर्माण में भी सहयोग करता है, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है और शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है।

हड्डियों को मजबूत बनाता है यह मिनरल

जब हड्डियों की मजबूती की बात होती है तो अक्सर कैल्शियम का नाम लिया जाता है, मगर कॉपर भी उतना ही जरूरी है। शरीर में मौजूद कॉपर का बड़ा हिस्सा हड्डियों और मांसपेशियों में स्टोर होता है। इसकी कमी से हड्डियों में कमजोरी आ सकती है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

कॉपर की कितनी होती है रोजाना जरूरत?

शरीर में कॉपर की आवश्यकता उम्र और अवस्था के हिसाब से बदलती है:

  • 9-13 साल के बच्चों को: 700 माइक्रोग्राम प्रतिदिन
  • 14-18 साल के किशोरों को: 890 माइक्रोग्राम प्रतिदिन
  • वयस्कों को: 900 माइक्रोग्राम प्रतिदिन
  • गर्भवती महिलाओं को: 1000 माइक्रोग्राम प्रतिदिन
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं को: 1300 माइक्रोग्राम प्रतिदिन

कॉपर से भरपूर आहार के प्राकृतिक स्रोत

कॉपर की कमी को दूर करने के लिए इन फूड्स को अपने डेली डाइट में शामिल करें:

  • डार्क चॉकलेट
  • काजू
  • सूरजमुखी के बीज
  • टोफू
  • आलू
  • काबुली चना
  • एवोकाडो
  • अंजीर

यह सभी फूड्स स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहतमंद भी हैं और शरीर को जरूरी कॉपर की आपूर्ति करते हैं।

तांबे के बर्तन में पानी पीना: एक आसान घरेलू उपाय

आयुर्वेद में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने की सलाह दी जाती है। रात में पानी तांबे के जग या बोतल में भरकर रखें और सुबह खाली पेट 1-2 गिलास पिएं। यह तरीका न केवल कॉपर की कमी को दूर करता है बल्कि शरीर को डिटॉक्स भी करता है और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है। हालांकि, इस उपाय को लगातार 2-3 महीने करें और फिर कुछ समय का ब्रेक लें।

कॉपर सप्लीमेंट लेने में बरतें सावधानी

अगर आप सप्लीमेंट के जरिए कॉपर लेना चाहते हैं तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। बिना सलाह के सप्लीमेंट लेने से उल्टी, पेट दर्द, लिवर प्रॉब्लम और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए प्राकृतिक स्रोतों से ही इसकी पूर्ति करना ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद है।

संतुलित मात्रा में लें कॉपर और रहें हेल्दी

कॉपर भले ही मात्रा में कम चाहिए होता है, मगर इसकी भूमिका शरीर में बेहद महत्वपूर्ण है। यह हड्डियों की मजबूती, स्किन की रंगत, इम्यूनिटी और खून की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है। सही आहार और जीवनशैली में छोटे बदलाव कर आप आसानी से कॉपर की जरूरत पूरी कर सकते हैं।

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