दिल्ली की मुख्य खबर: प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर नगर निगम का बड़ा फैसला, 2025 में लागु होगा नियम

दिल्ली की मुख्य खबर: प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर नगर निगम का बड़ा फैसला, 2025 में लागु होगा नियम
Last Updated: 02 अप्रैल 2024

नगर निगम ने घोषणा की है कि रिहायशी संपत्ति (Residential Property) के साथ अब सरकारी संपत्ति पर भी Property Tex समय पर जमा नहीं कराने पर एक प्रतिशत का ब्याज लगाया जाएगा। निगम द्वारा जारी आदेश सभी सरकारी विभागों के लिए लागू कर दिया हैं।

New Delhi: निगम ने एक फरमान जारी किया है, जिसके अनुसार Residential Property के साथ ही सरकारी संपत्ति पर भी प्रॉपर्टी टैक्स समय से जमा न करने पर एक प्रतिशत का ब्याज लगेगा। निगम ने सभी सरकारी विभागों के लिए इस नियम को लागू कर दिया है। बताया कि हर साल 30 जून तक संपत्तिकर जमा करने पर निगम की और से 10 प्रतिशत की जो छूट दी जाती है वह तो मिलेगी लेकिन इस दौरान संपत्तिकर जमा नहीं कराया तो हर महीने के हिसाब से जब भी संपत्तिकर जमा करेंगे उसमें एक प्रतिशत के हिसाब से ब्याज भी लगेगा और आपको जमा भी कराना पड़ेगा।

सरकारी विभाग देते है 75 फीसदी सर्विस चार्ज

दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने Subkuz.com को बताया कि सरकारी विभाग संपत्तिकर का 75 फीसदी सर्विस चार्ज देते हैं। उन्होंने कहा कि सभी  सरकारी विभाग वित्त वर्ष (मार्च महीना) के अंत में आकर साल का पूरा समय होने के दौरान प्रॉपर्टी कर जमा करते हैं। इससे निगम को अधिक मात्रा में वित्तीय क्षति होती है, क्योंकि जो इनकम वर्ष की पहली तिमाही में मिलनी चाहिए थी वह चौथी तिमाही में प्राप्त होती हैं।

निगम अधिकारी ने बताया कि रिहायशी संपत्ति पर पहले ही 30 जून के बाद संपत्तिकर जमा कराने पर एक प्रतिशत का ब्याज लिया जाता हैं, अब इस हमने इस नियम को सरकारी संपत्तियों में भी लागू कर दिया है। निगम सदन की सात मार्च को हुई बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को लेकर चर्चा हुई उसके बाद इसे पारित भी करा लिया है। जिसके बाद अब यह आदेश जारी किया गया हैं।

सरकारी विभाग पर बकाया दो हजार करोड़

निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रॉपर्टी कर का तकरीबन दो हजार करोड़ रुपये का अकेले सरकारी विभागों पर ही बकाया है। निगम लगातार इस टैक्स को वसूलने की कोशिश कर रहा है। पिछली साल निगम को 860 करोड़ (आठ सो साठ करोड़) रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स सरकारी संपत्तियों और कार्यालयों से प्राप्त हुआ था. अधिकारियों ने बताया कि 2022-23 और इससे पहले के संपत्तिकर के बकायों को पूरी तरह खत्म करने के लिए एक विशेष योजना लेकर आए थे। लेकिन अब नगर निगम ऐसी योजना लेकर आएगा जिससे बकायेदार पर संपत्तिकर जमा नहीं कराने पर कानूनी कार्रवाई भी कर सकेगी।

 

 

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