तेलंगाना: नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद असदुद्दीन ओवैसी हुए आग बबूला, कहां - केंद्र सरकार की क्रोनोलॉजी समझिए

तेलंगाना: नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद असदुद्दीन ओवैसी हुए आग बबूला, कहां - केंद्र सरकार की क्रोनोलॉजी समझिए
Last Updated: 17 मार्च 2024

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने के बाद एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहां कि केंद्र सरकार का यह कदम कई लोगों को विरोध करने के लिए फिर से सड़कों पर उतरने को विवश (मजबूर) करेगा।

हैदराबाद: अखिल भारतीय मुस्लिम एकता संघ (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन - AIMIM) के मुख्य अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने सोमवार (११ मार्च) को नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act - CAA) 2019 को लागू करने के बाद केंद्र सरकार पर आग बबूला हो गए।

Subkuz.com के पत्रकार से बातचीत करते हुए ओवैसी ने दावा करते हुए कहां कि यह कानून महात्मा गांधी (बापू) के हत्यारे नाथूराम गोडसे के विचार पर आधारित है. सीएए कानून मुस्लिम लोगों को दोहरे दर्जे का नागरिक बना देगा। असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहां कि देश के लिए यह कदम कई व्यक्तियों विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए विवश (मजबूर) कर देगा।

मुसलमानों को टारगेट करने के लिए किया CAA लागू

जानकारी के अनुसार ओवैसी ने ट्वीट करके बताया कि सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि उसने इन नियमों लागू करने के लिए पिछले पांच साल तक इसे लटका के क्यों रखा और अब इसे क्यों लागू कर रही है. एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) -एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के साथ सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) लागू करके केवल मुसलमानों को टारगेट करना है. इसके अलावा कोई अन्य मकसद नहीं है. यह भारतीय लोगों को विरोध करने के अलावा अन्य कोई विकल्प प्रदान नहीं करेगा।

किस-किस को मिलेगी नागरिकता  

जानकारी के अनुसार नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 विवादस्पद रहा है लेकिन इससे जुड़े नियमों को सोमवार (११ मार्च) को अधिसूचित करके  लागू कर दिया गया है. इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से बिना किसी कागजात (दस्तावेज) के भारत में आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का रास्ता सरकार ने साफ कर दिया हैं।

जानकारी के मुताबिक अधिकारियों ने CAA लागू करने की जानकारी दी। सीएए के नियम जारी होने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश करने वाले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता देना शुरू कर दिया हैं।

 

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