शाहरुख खान की पत्नी और मशहूर इंटीरियर डिजाइनर गौरी खान का लग्जरी रेस्टोरेंट ‘टोरी’ एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह है थोड़ी विवादास्पद। एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर द्वारा लगाए गए 'नकली पनीर' के आरोप ने इंटरनेट पर हलचल मचा दी है।
एंटरटेनमेंट: गौरी खान का लक्ज़री रेस्टोरेंट 'टोरी' इन दिनों फिर से सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह ज़रा अलग है। जहां ये रेस्टोरेंट अपने शानदार इंटीरियर और हाई-एंड फूड एक्सपीरियंस के लिए जाना जाता है, वहीं अब एक फूड ब्लॉगर द्वारा लगाए गए नकली पनीर के आरोपों ने इसे विवादों में ला दिया है। दरअसल, एक मशहूर फूड ब्लॉगर और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर हाल ही में टोरी रेस्टोरेंट में खाना खाने पहुंचे थे।
उन्होंने अपने अनुभव को कैमरे में कैद करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्हें परोसे गए पनीर की क्वालिटी संदिग्ध लगी और शक जताया कि वो नकली हो सकता है। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तेज़ी से ध्यान खींचा और चर्चा का विषय बन गया।
वायरल वीडियो में क्या है दावा?
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और फूड ब्लॉगर सार्थक सचदेवा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वे टोरी रेस्टोरेंट में परोसे गए पनीर पर आयोडीन टिंचर टेस्ट करते दिखते हैं। इस टेस्ट में पनीर का रंग नीला-काला हो गया, जिससे उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि उसमें स्टार्च मिला हुआ है। सार्थक का कहना है, "मैं हैरान रह गया कि शाहरुख खान जैसे बड़े सितारे के रेस्टोरेंट में ऐसा घटिया पनीर परोसा जा रहा है।"
क्या है आयोडीन टिंचर टेस्ट?
आयोडीन टिंचर टेस्ट का प्रयोग सामान्यत: यह जांचने के लिए किया जाता है कि पनीर में स्टार्च की मिलावट है या नहीं। जब स्टार्च आयोडीन के संपर्क में आता है, तो वह काले या नीले रंग में बदल जाता है। हालाँकि, यह टेस्ट केवल स्टार्च की उपस्थिति दिखाता है, पनीर की असली गुणवत्ता का निर्धारण नहीं करता।सार्थक ने टोरी से पहले विराट कोहली के वन8 कम्यून, शिल्पा शेट्टी के बैस्टियन, और बॉबी देओल के समप्लेस एल्स जैसे अन्य सेलेब्रिटी रेस्टोरेंट्स में भी पनीर टेस्ट किया था। उन सभी जगहों पर पनीर में किसी तरह की मिलावट नहीं पाई गई।
टोरी रेस्टोरेंट की टीम का जवाब
विवाद बढ़ने के बाद, टोरी रेस्टोरेंट की टीम ने एक बयान जारी करते हुए कहा, 'आयोडीन परीक्षण केवल स्टार्च की उपस्थिति दर्शाता है, न कि पनीर की प्रामाणिकता को। हमारी डिश में सोया-आधारित सामग्री शामिल थी, इसलिए यह प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी। हम अपने सभी खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता और शुद्धता को लेकर प्रतिबद्ध हैं।'
जहां एक ओर कई यूजर्स ने इन्फ्लुएंसर का समर्थन किया और रेस्टोरेंट से जवाब की मांग की, वहीं दूसरी ओर कुछ ने इस परीक्षण को अधूरा और भ्रामक बताया। कई यूजर्स ने लिखा कि 'सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाने से पहले वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।'