बॉलीवुड की चमक-दमक के पीछे छिपी कहानियां अक्सर दर्द और संघर्ष से भरी होती हैं। ऐसा ही एक नाम है नवीन निश्चल, जिनकी जिंदगी स्टारडम से शुरू होकर जेल की सलाखों तक पहुंच गई। आज उनकी पुण्यतिथि पर हम उस अभिनेता की जिंदगी के अनसुने पहलुओं को जानेंगे, जिसने कभी सुपरस्टार का दर्जा पाया, लेकिन निजी जीवन के तूफानों में बर्बाद हो गया।
मिस्टर इंडिया से स्टारडम तक का सफर
18 मार्च 1946 को लाहौर में जन्मे नवीन निश्चल की किस्मत ने उन्हें मॉडलिंग की दुनिया से बॉलीवुड तक का सफर दिखाया। Mr. India के प्राइमरी राउंड में जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने प्रसिद्ध डायरेक्टर मोहन सहगल की सलाह पर पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया और गोल्ड मेडल जीतकर फिल्मी दुनिया में कदम रखा। रेखा के साथ 'सावन भादो' से डेब्यू करने वाले नवीन रातों-रात स्टार बन गए। उनके बेहतरीन लुक्स और करिश्माई मुस्कान ने दर्शकों को दीवाना बना दिया।
सफलता का घमंड और गलत फैसले
'बुड्ढा मिल गया', 'परवाना', 'नादान' जैसी फिल्मों ने नवीन को सुपरस्टार बना दिया। लेकिन शोहरत का नशा और घमंड ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा। उन्होंने गुलजार की 'मेरे अपने' और मनोज कुमार की 'रोटी कपड़ा और मकान' जैसी फिल्मों को ठुकरा दिया क्योंकि इनमें अमिताभ बच्चन भी थे, जिन्हें वे छोटा कलाकार समझते थे। लेकिन वक्त ने ऐसा पलटा मारा कि अमिताभ 'सुपरस्टार ऑफ द मिलेनियम' बन गए और नवीन का करियर ढलान पर चला गया।
प्यार, धोखा और टूटे रिश्ते
नवीन की निजी जिंदगी भी कम विवादित नहीं रही। पहली पत्नी नीलू कपूर को छोड़कर उन्होंने पद्मिनी कपिला से नजदीकियां बढ़ाई, लेकिन पद्मिनी उन्हें छोड़कर निर्माता प्रकाश मेहरा के पास चली गईं। दूसरी शादी गीतांजलि से की, लेकिन विवादों ने पीछा नहीं छोड़ा। घरेलू कलह और आरोपों के चलते भाई ने नवीन को घर से निकाल दिया। गीतांजलि ने आत्महत्या कर ली और अपने सुसाइड नोट में नवीन और उनके भाई पर प्रताड़ना के आरोप लगाए। इस मामले में नवीन को जेल भी जाना पड़ा।
छोटे पर्दे का सहारा और संघर्ष का दौर
फिल्मों में काम मिलना बंद हुआ, तो नवीन ने छोटे पर्दे की ओर रुख किया। 'देख भाई देख', 'आहट', 'फरमान' जैसे धारावाहिकों से उन्होंने वापसी की कोशिश की, लेकिन उनकी विवादित छवि ने उन्हें ज्यादा मौका नहीं दिया।
आखिरी सफर - चलती गाड़ी में मौत
19 मार्च 2011 को होली के मौके पर नवीन अपने दोस्तों के साथ पुणे जा रहे थे। सफर के दौरान दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। होली का वह रंग उनके लिए जिंदगी का आखिरी रंग साबित हुआ।
एक अधूरी कहानी
नवीन निश्चल की जिंदगी एक ऐसे सितारे की कहानी है, जिसने स्टारडम का स्वाद चखा, लेकिन अपनी गलतियों और विवादों के चलते सब कुछ खो दिया। उनका नाम आज भी एक संघर्षपूर्ण और विवादित जिंदगी की मिसाल के तौर पर याद किया जाता है।