स्पेस से लौटने पर बच्चों की तरह क्यों चलते हैं एस्ट्रोनॉट्स? जानें 'बेबी फीट' का रहस्य

स्पेस से लौटने पर बच्चों की तरह क्यों चलते हैं एस्ट्रोनॉट्स? जानें 'बेबी फीट' का रहस्य
अंतिम अपडेट: 3 घंटा पहले

अंतरिक्ष यात्रियों के लिए पृथ्वी पर लौटना जितना रोमांचक होता है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी। अंतरिक्ष में महीनों बिताने के बाद जब ये यात्री वापस आते हैं, तो उनका शरीर कई बदलावों से गुजरता हैं।

नई दिल्ली: अंतरिक्ष यात्रियों के लिए पृथ्वी पर लौटना जितना रोमांचक होता है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी। अंतरिक्ष में महीनों बिताने के बाद जब ये यात्री वापस आते हैं, तो उनका शरीर कई बदलावों से गुजरता है। इनमें से एक दिलचस्प बदलाव 'बेबी फीट' कहलाता है। यह ऐसी स्थिति होती है, जिसमें अंतरिक्ष यात्री बच्चों की तरह लड़खड़ाते हुए चलते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति में शरीर का संतुलन प्रभावित होता है और पैर की त्वचा में भी बदलाव आ जाते हैं।

बेबी फीट की वजह क्या है?

अंतरिक्ष में रहते हुए एस्ट्रोनॉट्स के पैरों की त्वचा का मोटा हिस्सा धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। इसकी वजह यह है कि वहां उन्हें अपने तलवों का उपयोग करने की जरूरत नहीं पड़ती। पृथ्वी पर हम जब चलते हैं, तो हमारे पैरों के तलवे लगातार सतह के संपर्क में रहते हैं, जिससे वहां की त्वचा सख्त हो जाती है। लेकिन अंतरिक्ष में ऐसा नहीं होता, क्योंकि एस्ट्रोनॉट्स ज़ीरो ग्रैविटी में तैरते रहते हैं। जब वे वापस धरती पर आते हैं, तो उनके पैर बेहद नाजुक और संवेदनशील हो जाते हैं, बिल्कुल नवजात शिशु के पैरों की तरह। इसलिए वे कुछ समय तक ठीक से चल नहीं पाते।

गुरुत्वाकर्षण की कमी से संतुलन पर असर

गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति में न केवल त्वचा प्रभावित होती है, बल्कि शरीर की मांसपेशियां और हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं। स्पेस में महीनों बिताने के बाद एस्ट्रोनॉट्स को धरती पर चलने में परेशानी होती है, क्योंकि उनका शरीर नए सिरे से गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने की कोशिश करता है। लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से उनके शरीर में बोन डेंसिटी लॉस की समस्या भी देखने को मिलती है। यह हड्डियों को कमजोर बना देती है और कभी-कभी उनके फ्रैक्चर होने का खतरा भी बढ़ जाता हैं।

कैसे नॉर्मल होते हैं एस्ट्रोनॉट्स?

एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में रहते हुए ही अपनी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। वे रोज़ाना लगभग 2.5 घंटे तक स्पेस स्टेशन पर विशेष रूप से तैयार की गई एक्सरसाइज़ मशीनों का उपयोग करते हैं। इनमें डेडलिफ्ट्स, स्क्वॉट्स, बेंच प्रेसिंग और ट्रेडमिल रनिंग शामिल हैं। इसके अलावा, हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए वे कैल्शियम और विटामिन डी सप्लीमेंट्स भी लेते हैं।

स्पेस से लौटने के बाद रिकवरी में कितना समय लगता है?

धरती पर लौटने के बाद एस्ट्रोनॉट्स को पूरी तरह से सामान्य होने में कुछ हफ्तों का समय लग सकता है। इस दौरान वे विशेष रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम से गुजरते हैं, जिसमें फिजिकल थेरेपी और संतुलन सुधारने वाले व्यायाम शामिल होते हैं। धीरे-धीरे उनकी त्वचा, हड्डियां और मांसपेशियां दोबारा मजबूत हो जाती हैं और वे पहले की तरह सहजता से चलने-फिरने लगते हैं।

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