Ola Electric को भ्रामक विज्ञापनों के कारण मिला नोटिस, शेयरों पर पड़ा बड़ा प्रभाव

Ola Electric को भ्रामक विज्ञापनों के कारण मिला नोटिस, शेयरों पर पड़ा बड़ा प्रभाव
Last Updated: 6 घंटा पहले

ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने सोमवार को एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि उसे उपभोक्ता अधिकारों के कथित उल्लंघन के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) से एक कारण बताओ नोटिस प्राप्त हुआ है। यह नोटिस भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए जारी किया गया है। CCPA ने कंपनी को इस नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया है। ओला ने इस मामले पर अपने स्पष्टीकरण में कहा है कि वे सभी आवश्यक उपाय कर रहे हैं।

नई दिल्ली: ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, जिसका मालिकाना हक भाविश अग्रवाल के पास है, को सोमवार को भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए एक नोटिस मिला है। इसके परिणामस्वरूप मंगलवार को ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में शुरुआती कारोबार के दौरान 6 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि, बाजार के सकारात्मक माहौल के चलते बाद में इसमें रिकवरी भी देखने को मिली।

कंपनी को यह नोटिस केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर, ओला इलेक्ट्रिक का शेयर शुरुआती कारोबार में 6.17 प्रतिशत गिरकर 85.21 रुपये पर पहुंच गया था। लेकिन, दोपहर करीब 2 बजे तक, यह 1.92 प्रतिशत की बढ़त के साथ 92.56 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

ओला इलेक्ट्रिक के भ्रामक विज्ञापन मामले का संक्षिप्त विवरण

ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने हाल ही में एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि उसे केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) से भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए कारण बताओ नोटिस मिला है। इस नोटिस में कंपनी को अपने उत्तर देने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है।

हालांकि, ओला ने स्पष्ट किया है कि इस कारण बताओ नोटिस का कंपनी की वित्तीय या परिचालन गतिविधियों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। ओला का कहना है कि इस नोटिस का मतलब यह नहीं है कि उन पर कोई दंड या वित्तीय जुर्माना लगाया जाएगा।

यह मामला ओला इलेक्ट्रिक के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे न केवल उनकी छवि प्रभावित हो सकती है, बल्कि यह उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है।

ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट का कारण

ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयरों में सोमवार को लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आई, जिसका कारण सोशल मीडिया पर इलेक्ट्रिक स्कूटर की सेवा गुणवत्ता को लेकर उठाए गए सवाल थे। इस मुद्दे को लेकर ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल और स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के बीच वाकयुद्ध भी हुआ, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ अगस्त में लॉन्च हुआ था, जिसमें शेयर 76 रुपये के इश्यू प्राइस पर लिस्ट हुए थे। शुरुआत में शेयरों ने निवेशकों के पैसे डबल किए और 157.4 रुपये का ऑल टाइम हाई बनाया। हालांकि, इसके बाद से यह शेयर 46 प्रतिशत तक गिर चुका है। अब बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर जैसी पुरानी ऑटो कंपनियां ओला इलेक्ट्रिक से बाजार हिस्सेदारी छीनने की कोशिश कर रही हैं।

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