Bahraich Violence: सीएम योगी का बड़ा एक्शन, ASP पवित्र मोहन त्रिपाठी हटाए गए, दुर्गा प्रसाद तिवारी की नियुक्ति

Bahraich Violence: सीएम योगी का बड़ा एक्शन, ASP पवित्र मोहन त्रिपाठी हटाए गए, दुर्गा प्रसाद तिवारी की नियुक्ति
Last Updated: 21 अक्टूबर 2024

बहराइच हिंसा बहराइच में प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक और महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। उन्होंने एएसपी ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को उनके पद से हटा दिया है। उनकी जगह डीजीपी मुख्यालय में तैनात एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को बहराइच भेजा गया है। इस घटना के बाद, सीओ महसी को भी पहले ही हटा दिया गया था।

Bahraich: बहराइच में प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के मामले में कार्रवाई का सिलसिला जारी है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक और कदम उठाते हुए एएसपी ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को उनके पद से हटा दिया है। उनकी जगह डीजीपी मुख्यालय में तैनात एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को बहराइच भेजा गया है। इससे पहले

सीओ महसी को भी स्थानांतरित किया गया था। यह भी जानकारी मिली है कि हिंसा के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए यूपी एसटीएफ को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

चौराहों पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था

महराजगंज में प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद प्रशासन अब स्थिति को लेकर पूरी सतर्कता बरत रहा है। प्रशासन इस बार किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतना चाहता। चौक-चौराहों पर सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और कई स्थानों पर बैरिकेडिंग की गई है। संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों की पहचान के लिए पिकेट पर जांच की जा रही है। रमपुरवा चौराहा, भागवानपुर, राजी चौराहा, महसी कस्बा सहित अन्य स्थानों पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है और इसके आस-पास पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

जिले की सीमा पर स्थित चहलारीघाट के पास पुल के निकट सुरक्षा के मद्देनजर बैरिकेडिंग के साथ इंतजाम किए गए हैं। पुलिस क्षेत्राधिकारी रवि खोखर ने बताया कि कानून व्यवस्था को अधिक मजबूत करने के लिए चौक चौराहों पर बैरिकेडिंग स्थापित की गई है। इससे संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों की गहन जांच करना आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के व्यापक उपाय किए जा रहे हैं और कानून व्यवस्था के खिलाफ काम करने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप

राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल ने महराजगंज में हुई हिंसा के संदर्भ में पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाया है। संगठन ने सीबीसीआईडी से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग करते हुए राज्यपाल को एक पत्र भेजा है, जो सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से भेजा गया। राष्ट्रीय ओलमा कौंसिल के जिलाध्यक्ष मौलाना सरवर खां कासमी की अगुवाई में पदाधिकारी सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे।

सभी ने यह आरोप लगाया कि बीते रविवार को महराजगंज बाजार में विसर्जन जुलूस के दौरान भड़काऊ भाषणों के साथ डीजे पर गाने बजाए जा रहे थे। इसके बाद एक मकान से धार्मिक झंडा उतारने को लेकर हिंसा भड़क उठी, जिसमें दुकानों और मकानों में आग लगाई गई। हालांकि, पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ केस दर्ज किया, लेकिन कार्रवाई केवल एक पक्ष के खिलाफ की जा रही है। जिलाध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है।

हाईकोर्ट ने बुलडोजर पर लगाई रोक

महाराजगंज बाजार में हुई हिंसा के बाद पीडब्ल्यूडी द्वारा मुख्य आरोपी समेत 23 व्यक्तियों के घरों को नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में दिल्ली की एक संस्था ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मुख्य अभियुक्त की बेटी की तरफ से याचिका दायर की है। रविवार शाम को सुनवाई के दौरान लखनऊ हाईकोर्ट ने सरकार को तीन दिन के भीतर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। साथ ही, बुलडोजर कार्रवाई पर 15 दिनों के लिए रोक लगा दी गई है।

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