Kathua Encounter: कठुआ आतंकी मुठभेड़ में एक हेड कॉन्स्टेबल शहीद, परिवार पर टुटा दुखों का पहाड़, नवंबर में होनी थी बच्चों की शादी

Kathua Encounter: कठुआ आतंकी मुठभेड़ में एक हेड कॉन्स्टेबल शहीद, परिवार पर टुटा दुखों का पहाड़, नवंबर में होनी थी बच्चों की शादी
Last Updated: 6 घंटा पहले

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में पुलिस के हेड कांस्टेबल बशीर अहमद शहीद हो गए हैं। उनके परिवार पर यह दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, खासकर क्योंकि उन्होंने हाल ही में अपने बेटे और बेटी की सगाई की थी और उनका निकाह नवंबर में होना था।

Jammu: कठुआ जिले के गांव खूंग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस के हेड कांस्टेबल बशीर अहमद शहीद हो गए। यह घटना उनके परिवार के लिए एक बड़ी त्रासदी बनी है, क्योंकि उन्होंने हाल ही में अपने बेटे और बेटी की सगाई धूमधाम से की थी। उनका निकाह नवंबर में तय था, और परिवार इस अवसर की तैयारी कर रहा था। बशीर के बलिदान की खबर से परिवार और मोहल्ले में गहरा शोक छा गया है। उनके शहीद होने से केवल उनके परिवार, बल्कि स्थानीय समुदाय में भी मातम का माहौल है।

परिवर में छाया मातम

बशीर अहमद, जम्मू-कश्मीर पुलिस के हेड कांस्टेबल, ने मुठभेड़ से पहले अपने भाई शौकत से फोन पर बात की थी। उन्होंने बताया कि वह चुनाव ड्यूटी के लिए कठुआ जिले में कुछ दिन के लिए आए हैं और जैसे ही चुनाव समाप्त होगा, वह घर लौटेंगे ताकि बेटे और बेटी के निकाह की तैयारियों को अंतिम रूप दे सकें।

बशीर चार बच्चों के पिता थे और उन्होंने हाल ही में अपनी बड़ी बेटी का निकाह किया था। अब वह अपने बेटे और बेटी की एक साथ सगाई की तैयारी कर रहे थे। उनके परिवार में यह खुशी का समय था, लेकिन बशीर की शहादत ने सब कुछ बदल दिया।

बशीर अहमद, जम्मू-कश्मीर पुलिस के हेड कांस्टेबल, आतंकियों के खिलाफ हमेशा तैयार रहते थे। उनकी बहादुरी और प्रतिबद्धता के कारण उन्हें कठुआ जिले में हुई हालिया मुठभेड़ के लिए विशेष रूप से बुलाया गया था।

उनकी शहादत की खबर मिलते ही उनके घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लग गया। पुलिस अधिकारियों के अलावा, उनके दोस्त, रिश्तेदार और जानने वाले भी उनके घर पहुंचे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनके प्रति लोगों की कितनी श्रद्धा थी। बशीर की मौत ने उनके परिवार और समुदाय को गहरे शोक में डाल दिया है।

पुलिस में कांस्टेबल के पद पर थे नियुक्त

1998 में जम्मू-कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती होने वाले बशीर ने हाल ही में पुलिस की विशेष ट्रेनिंग पूरी की थी, जिससे वह पदोन्नति के लिए तैयार थे। वह जल्द ही असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर बनने वाले थे और उनके कंधे पर सितारा लगने वाला था। लेकिन किस्मत ने कुछ और ही तय किया। आतंकियों से बहादुरी से लड़ते हुए उन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की बलि दे दी।

बशीर के साथी अभी भी इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि वह इस दुनिया में नहीं रहे। उनके साथी दीवान चंद बताते हैं कि बशीर हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते थे। उनकी कार्यशैली ने अन्य पुलिस कर्मियों को भी प्रेरित किया। बशीर की असामयिक मृत्यु ने उनके साथियों को गहरा दुख पहुंचाया है।

शहीद अहमद को गांधीनगर में दी श्रद्धांजलि

कठुआ जिले में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त Jammu-Kashmir पुलिस के हेड कांस्टेबल बशीर अहमद को जिला पुलिस लाइन गांधीनगर में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के विशेष पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने बलिदानी के शव पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इसके अतिरिक्त, मौजूद रहे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद कुमार जैन, मंडलायुक्त जम्मू रमेश कुमार, एसएसपी जम्मू जोगिंदर सिंह, एसएसपी ट्रैफिक फैजल कुरैशी, और जिला उपायुक्त संचिन वैश्य, साथ ही बलिदानी पुलिस कर्मी के परिवार के सदस्य भी उपस्थित थे। वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने अपने हथियार झुका कर बलिदानी को अंतिम विदाई दी। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि आतंकियों के सफाए तक वे शांति से नहीं बैठेंगे।

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