हाई कोर्ट ने भूमि आवंटन के मामले में UT प्रशासन को दिए कठोर आदेश, कहा- जुर्माना और सख्त-आदेशों के लिए तैयार रहें

हाई कोर्ट ने भूमि आवंटन के मामले में UT प्रशासन को दिए कठोर आदेश, कहा- जुर्माना और सख्त-आदेशों के लिए तैयार रहें
Last Updated: 14 मार्च 2024

High Court ने UT चंडीगढ़ प्रशासन से सारंगपुर में भूमि अलॉटमेंट पर जवाब मांगा तो मामला केंद्र के पास भेज दिया गया। प्रशासन इस मामले को लटकने का प्रयास कर रहा है।

चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा High Court ने इसकी इमारत के लिए भूमि आवंटन पर फैसला लेने ले लिए बार-बार कदम खींचने पर कड़ा रुख अपनाया है। High Court ने यह स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि यदि अगली सुनवाई पर ठोस जवाब नहीं आया तो चंडीगढ़ प्रशासन भारी जुर्माने के साथ ही सख्त आदेश के लिए तैयार रहे। जानकारी के अनुसार, High Court ने इस मामले में अब प्रशासक के विशेषज्ञ को खुद शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट की इमारत पर अतिबोझ को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान High Court ने चंडीगढ़ प्रशासन से सारंगपुर में भूमि अलॉटमेंट पर जवाब मांगा तो बताया गया कि मामला स्पष्टीकरण के लिए केंद्र के पास भेजा गया है। इस पर High Court ने कहा कि अनावश्यक रूप से चंडीगढ़ प्रशासन इस मामले को लटकाने का प्रयास कर रहा है। स्वयं गृह और वित्त सचिव इस इमारत पर पड़ रहे बोझ की जांच कर चुके हैं। इसके बावजूद, वे वर्तमान की आवश्यकता को नहीं समझ रहे हैं।

 कोर्ट ने निम्न बिन्दुंओं के जवाब का दिया आदेश

High Court ने कहा कि प्रशासन पुरे शहर की प्राइम लोकेशन (Prime Location) अपने अधीन रखना चाहता है और इसी वजह से नए DC ऑफिस का निर्माण भी सेक्टर 17 में करने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में High Court ने अब चंडीगढ़ प्रशासन को निम्न बिंदुओं पर जवाब देने का आदेश दिया है कहा - सचिवालय की इमारतों के निर्माण में कितना पैसा खर्चा किया गया और पुरानी इमारतों में कितनी जगह खाली रखी गई, होटल शिवालिक के नजदीक नए DC Office के निर्माण पर कितना खर्च रहा है और यहां कितनी जमीन मौजूद है, दोनों इमारतों में High Court के मुकाबले लोगों का कितना बोझ ढोती हैं, सेक्टर 17 और इंडस्ट्रियल एरिया में RBI के निकट दशकों से जो खाली जगह पड़ी है उसके लिए विस्तार से बताया जाये कि ये किसी को अलॉट किया गया है।

IIT टीम से मांगी रिपोर्ट

कोर्ट ने रिपोर्ट में कहा - वर्तमान में वकीलों के चैंबर लगाए गए हैं उनमें और मंजिलों का निर्माण क्यों नहीं करने दिया जा रहा, बल्कि पहले से चार मंजिलों वाली अन्य इमारतें मौजूद हैं। सेक्टर 17 में स्थित चैंबरों में दो अतिरिक्त इमारतों का निर्माण, Advocate जनरल कार्यालय की इमारत के विस्तार की अनुमति, सेक्टर 4 में MLA हॉस्टल के पीछे का स्थान High Court में आने वालों को पार्किंग के लिए क्यों नहीं दिए जा रहे हैं? जल्द से इन सब की रिपोर्ट कोर्ट में पेश होनी चाहिए।  

 

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